शशी कुमार केसवानी
नमस्कार दोस्तों आइए आज बात करते हैं एक ऐसे गायक की, जिसके बारे में हमारे प्रिय जगजीत सिंह जी ने बताया था कि और मुलाकात भी उन्होंने ही कराई थी। जब जगजीत भाई ने उनका एक किस्सा सुनाया तो हमे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह ऐसा भी कर सकते हैं। हुआ यूं कि जगजीत एक दिन एक बार में गए और वहां पर एक लड़के को गाता हुआ सुना। उसकी आवाज सुनकर किशोर कुमार की याद आ गई। उसकी शक्ल देखकर वह चले गए। फिर उसे एक-दो बार फिर गाते सुना। बाद में रिकॉर्डिंग के समय उसकी आवाज सुनकर अंदर चले गए, देखा तो वही लड़का गा रहा था। उन्होंने लड़के से कहा रिकॉडिंग के बाद हमसे मिलो। लड़का तो गदगद हो गया। जगजीत भाई अपनी गाड़ी में बैठाकर सीधे कल्याणजी भाई के पास लेकर पहुंचे और बोले कच्चा पत्थर है, हीरा आप बना दो। जी हां दोस्तों मैं बात कर रहा सचमुच के हीरे और हर दिल अजीज गायक कुमार सानू की। कलाकार और किस्से में कुमार सानू से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सो के बारे में जानेंगे। नब्बे के दशक के सबसे मशहूर सिंगर केदारनाथ भट्टाचार्य उर्फ कुमार सानू ने फिल्मी दुनिया में उनके दो अनोखे रिकॉर्ड हैं। पहला तो ये की उन्होने लगातार पांच साल फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किया और दूसरा ये की कुमार सानू ने एक ही दिन में 28 गाने रिकॉर्ड किए है। वहीं उनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्होंने दो शादिया की थी। उनका परिवार लंदन में रहता है, उनकी बेटियां हैं। हालांकि अधिकतर अपना समय मुंबई में गुजारते हैं।
सानू ने अपने करियर के शुरूआती दौर में किशोर कुमार के गीतों के एल्बम जारी किए हैं, जिनमें किशोर की यादें भी शामिल है। फिर यादें सीरीज आईं जहां उन्होंने गायक अभिजीत भट्टाचार्य और विनोद राठौड़ के साथ किशोर कुमार के कई गाने गाए । शानू ने विभिन्न भारतीय फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है। उत्थान और ये संडे क्यों आता है उनमें से सबसे उल्लेखनीय हैं। लता मंगेशकर , आशा भोंसले , कविता कृष्णमूर्ति , अनुराधा पौडवाल, सपना मुखर्जी , अलका याग्निक , सोनू निगम , साधना सरगम , सुदेश भोंसले , शान , श्रेया घोषाल , हेमा सरदेसाई , सुनिधि चौहान और कई अन्य लोगों ने उनके संगीत के लिए अपनी आवाज दी। ये कैसा उत्थान है (आशा भोंसले और सोनू निगम द्वारा दो अलग-अलग संस्करणों में गाया गया) और जिसने सपना देखा (स्वयं सानू द्वारा गाया गया) समीक्षकों द्वारा प्रशंसित हैं। उन्होंने गायक उदित नारायण के साथ टीवी शो ये दुनियां गजब की के लिए शीर्षक गीत गाया । 2017 में, सानू ने साधना सरगम के साथ 19 के दशक की कहानी पर आधारित टीवी श्रृंखला ये उन दिनों की बात हैं के शीर्षक ट्रैक के लिए गाया और इसमें कैमियो के लिए एक भाग के रूप में भी दिखाई दिए। 2019 में, उन्होंने स्टार प्लस के कुल्फी कुमार बाजेवाला के लिए थोड़ा सा गाना गाया।फिल्मों के लिए गायन और संगीत रचना के अलावा, उन्होंने फिल्मों के निर्माण में भी रुचि दिखाई है। 2006 में उन्होंने अपनी पहली हिंदी फिल्म उत्थान का निर्माण किया । वर्तमान में, वह अपने साथी निमार्ता राकेश भाटिया के साथ ये संडे क्यों आता है नामक एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं । यह फिल्म चार बच्चों के जीवन पर आधारित है जो मुंबई की सड़कों पर रहते हैं और अपनी आजीविका कमाने के लिए रेलवे स्टेशन पर जूते पॉलिश करते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती मुख्य भूमिका में होंगे। हाल ही में, सानू ने बांग्लादेशी बंगाली फिल्म हसन राजा के लिए गाना गाया , जिसे यूके स्थित फिल्म निमार्ता रुहुल अमीन ने निर्देशित किया था। यह फिल्म कभी रिलीज नहीं हुई. उन्होंने कुछ बंगाली फिल्मों के लिए भी रचना की है; अमृता और टोबू अपोरिचिटो । शानू सोनी टीवी पर एक गायन घराने (गायकों के परिवार) को एक साथ लाने पर आधारित एक रियलिटी शो, वार परिवार के लिए और जी टीवी पर सा रे गा मा पा नामक एक संगीत रियलिटी शो में जजों के पैनल में थे। 2012 में, उन्होंने जी बांग्ला म्यूजिकल रियलिटी शो सा रे गा मा पा – गाने गाने तोमार मोने को जज किया । वर्तमान में, वह स्टार जलसा के लोकप्रिय म्यूजिकल रियलिटी शो सुपर सिंगर के जजों में से एक हैं ।
अन्य गायकों के साथ काम करें
शानू ने गायिका लता मंगेशकर , आशा भोंसले , केएसचित्रा , अनुराधा पौडवाल , अलका याग्निक , कविता कृष्णमूर्ति , साधना सरगम , अलीशा चिनॉय, सुनिधि चौहान, सपना मुखर्जी , पूर्णिमा , सपना अवस्थी , हेमा सरदेसाई , श्रेया घोषाल , आकृति कक्कड़ के साथ कई हिट युगल गीत गाए । , मोनाली ठाकुर , नेहा कक्कड़ , जसपिंदर नरूला और अन्य। सानू ने अपनी बेटी शैनन के , पॉप गायिका और गीतकार के साथ भी कई युगल गीत गाए, जिन्होंने 2017 में संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना करियर शुरू किया है।
पहली बार स्टेज पर भीड़ देख डर गए थे सानू
शुरुआती दौर में कन्याणी आंनदजी के एक शो में कुमार सानू गए और जब वो वहां पहुंचे तो स्टेज खाली जा रहा था। उस वक्त वहां पर 22,000 से ज्यादा लोग मौजूद थे। कुमार सानू को उस स्टेज पर गाना गाने के लिए भेज दिया और जब कुमार सानू स्टेज पर पहुंचे तो इतनी भीड को देखकर डर गए, लेकिन उन्होंने जो पहला गाना गया था वो था किशोर कुमार का गाना वादा तेरा वादा। उस गाने के लिए कुमार सानू को खूब तालियां मिली। फिर क्या था, उस दिन से कुमार सानू का करियर ग्राफ ऊपर उठता चला गया। कुमार सानू कोलकाता में अपनी अवाज में गाने रिकोर्ड करके कैसेट बना कर बड़े-बड़े म्यूजिक डायरेक्टर के पास जाते थे, लेकिन उनको वहां से निकाल दिया जाता था। फिर किस्मत ऐसी पलटी कि उन म्यूजिक डायरेक्टर ने ही उनको मुबंई में आकर गाने दिए और 8-8 दिन बैठ कर गाने रिकॉड किए। कुमार सानू जो किशोर कुमार को अपना आर्दश मानते हैं और उन्हीं के रास्ते पर चलकर अपनी संगीत की कला को जारी रखे हुए है। आपको बता दें, कुमार सानू उनकी आवाज में ही कार्यक्रमों में गीत गाया करते थे।
अमित कुमार की जगह कुमार सानू को चुना गया
80 का दशक खत्म हो रहा था, 90 का शुरू हो रहा था। इसी दौर की बात है। डेविड धवन ‘आंधियां’ बना रहे थे। इसमें बप्पी लाहिड़ी म्यूजिक दे रहे थे। शत्रुघ्न सिन्हा के लिए एक प्लेबैक वॉइस की जरूरत थी। किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार का नाम तय हुआ। रिकॉर्डिंग की तारीख भी तय हो गई। पर अमित कुमार स्टूडियो नहीं पहुंचे। काफी देर इंतजार हुआ। उस समय जगजीत सिंह और उनके साथ कुमार सानू भी स्टूडियो में मौजूद थे। जगजीत सिंह ने कहा एक बार कुमार से गवाकर देखो। तय ये हुआ कि गाना पसंद नहीं आया, तो बाद में उसे अमित कुमार से गवाया जाएगा। पर ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। कुमार की आवाज में गाना पास हो गया। गाना था ‘फिर दिल ने वो चोट खाई’ उसके बाद ‘आशिकी’ आई, फिर तो कुमार सानू चमक गए। ‘आशिकी’ के बनने और उसमें कुमार सानू के गानों के शामिल होने की भी एक कहानी है। जो फिर कभी। फिलहाल के लिए अलविदा।
हाल ही में सानू ने हम और तुम नाम से रिकॉर्ड किया है एल्बम
हाल ही में उन्होंने हम और तुम नाम से एक एल्बम रिकॉर्ड किया है । उन्होंने एक एल्बम के लिए एक स्पेनिश गाना भी रिकॉर्ड किया। एक दिन में सबसे ज्यादा 28 गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। उन्होंने एक अभिनेता के रूप में फिल्मों सपने साजन के (1992) हम आपके दिल में रहते हैं (1999) और दम लगा के हईशा (2015) में विशेष भूमिका निभाई। शानू विश्व बंधन के ट्रस्टी और ब्रांड एंबेसडर हैं, सेरेब्रल पाल्सी के लिए एक फाउंडेशन। सानू ने दिल्ली के करोल बाग में वंचित बच्चों के लिए एक प्राथमिक विद्यालय, कुमार शानू विद्या निकेतन, खोला। छात्रों को वर्दी और किताबें मुफ्त दी जाती हैं। 2022 में सानू ने संगीत निर्देशक वैभव सक्सेना और दो युवा गायकों के साथ मोहब्बत में तेरे सनम के लिए सहयोग किया, जिसे नए जमाने के रिकॉर्ड लेबल वूसिक रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया भर में रिलीज और वितरित किया गया था।
किशोर कुमार का गाना गाया, 5000 की टिप मिल गईड्ड3
छोटे शहरों के आॅटो वालों का अलग संसार है। हम इक्कीसवीं सदी में हैं। पर उनका मन अभी बीसवीं सदी में कहीं विचर रहा है। आज भी आॅटो में बैठेंगे, तो लगेगा किसी ने 90 के दशक में धक्का दे दिया है। वहां आपको अलका याग्निक, सोनू निगम, उदित नारायण, अभिजीत और ऐसे ही उस दौर के तमाम सिंगर्स के गाने बजते मिलेंगे। इनमें से एक नाम है, जिसकी छाप बहुत गाढ़ी है। लगभग सबने उसे पसंद किया और आज भी करते हैं। जनता के दिलों पर एकक्षत्र राज करने वाले कुमार सानू। उनकी आवाज के जादू ने हजारों फैंस कमाए। एक से एक फैन किसी ने उनकी फोटो से शादी कर ली। किसी ने उनके नाम के टैटू गुदवा लिए। सोचिए कैसा जलवा था कुमार का कि पांच बार लगातार फिल्मफेयर अपने नाम किया। 26 भाषाओं में 20 हजार से ज्यादा गाने गाए। उनकी ऐसी पूछ थी कि एक बार एक ही दिन में उन्होंने 28 गाने रिकॉर्ड किए। खैर, ये तो बात है, जब वो बड़े सिंगर बन गए। बॉलीवुड में स्थापित हो गए। आपको उनके शुरूआती दौर के तीन मजेदार किस्से सुनाते हैं।
कुमार सानू के घर में गाने का माहौल था। पिता पशुपति भट्टाचार्या भी सिंगर-कम्पोजर थे। पर उनकी शास्त्रीय संगीत में पैठ थी। कुमार फिल्मी सिंगर बनना चाहते थे। सानू ने पिता से ही सीखा और खूब सीखा। गाने से पहले वो तबला भी बजाया करते थे। मन में सपना तो सिंगर बनने का ही था। इसलिए मुम्बई आ गए। यहां वाशी इलाके में कुछ लोगों से जान-पहचान हो गई। उन लोगों ने एक मेस में उनके रहने-खाने का इंतजाम कर दिया। बस बदले में कुमार को दो-तीन गाने वहां गाने होते। बात बन गई। उनका मुम्बई में स्ट्रगल करने का इंतजाम हो गया। इसी दौरान वो एक होटल गए। वहां देखा कि एक लड़का गाना गा रहा है। सानू को लगा ये काम तो वो भी कर सकते हैं। होटल मालिक से मुलाकात की। अपनी मंशा जाहिर की। वो राजी भी हो गया। पर मालिक के सामने एक संकट था, जो उनके यहां पहले से गा रहा है, उसका वो क्या करे? फिर भी बड़े मान मनौव्वल के बाद सानू को एक गाना गाने का मौका मिला। किशोर के फैन कुमार ने गाया ‘मेरे नैना सावन भादौ, फिर भी मेरा मन प्यासा’। होटल में आये कस्टमर्स मंत्रमुग्ध हो गए। टिप देने का सिसलिला शुरू हुआ। देखते-देखते पांच हजार रुपए इकठ्ठे हो गए। फिर क्या था। होटल के मालिक ने कहा: आज गाना गाते रहो और कल से तुम्हारे लिए यहां गाने का स्लॉट पक्का।
जगजीत सिंह ने सुना और भाग खुल गए- कुमार को प्लेबैक सिंगर के तौर पर पहला मौका 1986 में आई बांग्लादेशी फिल्म ‘तीन कन्या’ में मिला। बॉलीवुड में इसके ठीक तीन साल बाद ‘हीरो हीरालाल’ से उन्होंने डेब्यू किया। पर बॉलीवुड में उनके लिए एक शख्स मसीहा बनकर आया। उनके जीवन में जगजीत सिंह की आवती हुई। उन्होंने ही सानू को कई बड़े-बड़े कम्पोजर्स से मिलवाया। ऐसा कहते हैं कि कुमार को शुरूआती दौर के गाने जगजीत की वजह से ही मिले। दरअसल कुमार को होटलों में गाने के लिए जो पैसे मिलते। उससे वो गाने रिकॉर्ड करते, उनके कैसेट बनाते। ऐसी ही एक कैसेट के लिए वो किसी स्टूडियो में किशोर कुमार का कोई गाना रिकॉर्ड कर रहे थे। उसी वक़्त जगजीत भी वहां थे। उन्हें सानू की आवाज और गायकी दोनों पसंद आई। उन्होंने सानू को घर बुलाया। एक गाना सिखाया। उसे रिकॉर्ड किया। सानू के साथ कल्याणजी-आनन्दजी के पास पहुंच गए। वो भी सानू की गायकी से प्रभावित हुए। उन्हें अपने शो में ले लिया। सानू अब उनके शोज में गाने लगे। उस समय उनका नाम हुआ करता था केदारनाथ भट्टाचार्य। कल्याणजी-आनन्दजी का मानना था कि इस बंगाली नाम के साथ हिंदी गाने पाना मुश्किल होगा। चूंकि केदार की आवाज और अंदाज किशोर कुमार से मिलती थी। सानू उनके घर का नाम था। उसी वक़्त केदारनाथ भट्टाचार्य कुमार सानू बन गए। आगे चलकर कुमार ने कल्याणजी-आनन्दजी के लिए ‘जादूगर’ फिल्म में गाना भी गाया।