यूपी: माहवारी के दौरान लड़कियों ने स्कूल जाना बंद किया तो ग्राम प्रधान ने उपलब्ध कराए सैनिटरी पैड

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की खैराही गांव की ममता और प्रमिला ने माहवारी के कारण बीच सत्र में स्कूल जाना छोड़ दिया। उनके गांव के मुखिया हरि प्रसाद को जब यह बात पता चली तो उन्हें अच्छा नहीं लगा। वह लड़कियों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना चाहते थे। उसी दौरान उन्हें इस खबर ने विचलित कर दिया कि देश की 28 लाख लड़कियां माहवारी के समय स्कूल जाना छोड़ देती हैं।
UP: During menstruation, when girls stopped going to school, the village head provided sanitary pads
हरि प्रसाद की इस पहल को तब उड़ान मिली जब वह यूनिसेफ के प्रॉजेक्ट गरिमा से जुड़े। प्रॉजेक्ट गरिमा के तहत मीरजापुर, जौनपुर और सोनभद्र में माहवारी के प्रति महिलाओं और लड़कियों को जागरुक किया जाता है।

गांववालों से बात करते हरि प्रसाद
हरि प्रसाद ने लड़कियों के माता-पिता से मुलाकात करनी शुरू की। उन्होंने लड़कियों के पिता से खुलकर कहा कि अगर महिलाओं को माहवारी नहीं होगी तो कोई भी पैदा नहीं होगा। यह एक प्राकृतिक चक्र है। इसमें कोई शमार्ने वाली बात नहीं है। इतना ही नहीं लड़कियों के काउंसलिंग के बाद उन्होंने उनके लिए सैनिटरी पैड भी उपलब्ध करवाए।

स्वास्थ्य विभाग में सैनिटरी पैड का स्टॉक रखवाया गया। लड़कियों को माहवारी से संबधिंत साफ-सफाई के बारे में बताया गया। हरि प्रसाद ने बताया कि उन्हें पैडमैन फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन उनके गांव के लोग उन्हें पैडमैन बुलाते हैं। उनकी खुद की दो बेटियां हैं। वह उनसे भी खुलकर बात करते हैं। त्तर प्रदेश सरकार के आंकड़े देखें तो 60 फीसदी लड़कियां माहवारी के समय स्कूल जाना छोड़ देती हैं। वहीं 19 लाख लड़कियां तो बीच में पढ़ाई ही छोड़ देती हैं।