इस्लामाबाद। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की डांवाडोल स्थिति दुनियाभर में किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में देश को भयंकर आर्थिक संकट से निकालने के लिए इस्लामाबाद ने एक बार फिर अपने ‘ग्रेट फ्रेंड’ चीन की तरफ रुख किया है। पाकिस्तानी सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस्लामाबाद ने चीन से 1-2 अरब डॉलर यानी करीब 68-135 अरब रुपयों के बीच ताजा कर्ज मांगा है।
$ 1-2 billion loan from Pakistan, China, due to economic tightening
‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक, चीन और उसके सरकारी बैंकों द्वारा पाकिस्तान को दिया गया कर्ज इस साल जून तक 5 अरब डॉलर तक पहुंचने वाला है। दरअसल, चीन से इतने बड़े स्तर पर कर्ज मांगने के पीछे एक महत्वपूर्ण वजह अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद का रुकना भी है।
चीन से कर्ज लेकर इस्लामाबाद अपनी तेजी से कम हो रहे विदेश मुद्रा भंडार को बचाने की कोशिश करेगा। बीते साल मई में पाकिस्तान के पास 16.4 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था जो बीते हफ्ते कम होकर 10.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। बता दें कि यह लोन ऐसे समय में मांगा गया है जब इसी साल अप्रैल में चीन के कमर्शल बैंकों ने पाकिस्तान सरकार को 1 अरब डॉलर का कर्ज दिया था।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और पाकिस्तान के चालू खाता घाटे के लगातार बढ़ने की वजह से कई फाइनैंशल ऐनालिस्ट्स का मानना है कि जुलाई में होने वाले आम चुनाव के बाद पाकिस्तान को साल 2013 के बाद अब अपने दूसरे बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। कटऋ ने पिछली बार पाकिस्तान को 6.7 अरब डॉलर की सहायता दी थी।
पाकिस्तान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस महीने हमें 1 से 2 अरब डॉलर की सहायता मिलेगी। यह फंड चीन सरकार द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों की तरफ से मिलेगा।’ एक अन्य सरकारी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि कर दी कि पाकिस्तान 2 अरब डॉलर तक की फंडिंग के लिए पेइचिंग के साथ गंभीर वार्ता कर चुका है। हालांकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी।