झाबुआ में 150 किसानों ने किया जल सत्याग्रह

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भोपाल। किसान आंदोलन के सातवें दिन किसान यूनियन के सदस्यों ने बड़ी संख्या में गांव बरवेट के पास गोठानिया खुर्द तालाब पर पहुंचकर जल सत्याग्रह किया। लगभग दो घंटे तक 150 के लगभग किसान कमर तक पानी में खड़े रहे।  एसडीएम हर्षल पंचोली और एसडीओपी रचना भदौरिया के पहुंचने के बाद ज्ञापन दिया, फिर बाहर निकले। अब मंगलवार को किसान यज्ञ करेंगे। जल सत्याग्रह करते हुए पानी के अंदर खड़े रह कर शासन-प्रशासन की नीतियों का विरोध किया।
150 people have done water satyagraha in Jhabua
किसान अधिकारियों के आने तक बाहर आने को तैयार नहीं थे। जब एसडीएम हर्षल पंचोली और एसडीओपी रचना भदौरिया पहुंचे, तब उन्हें ज्ञापन देकर किसान बाहर निकले। जल सत्याग्रह में महिलाएं भी शामिल हुर्इं। एसडीएम के पहुंचने पर किसानों ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखीं। सत्याग्रह के दौरान कई किसान बाहर भी खड़े थे।

आंदोलन स्थल पर प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इस पर किसानों ने आक्रोश व्यक्त किया। किसानों का कहना था कि प्रशासन किसानों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने मांग रख दी कि कलेक्टर या प्रभारी मंत्री आकर ज्ञापन लेंगे, तभी आंदोलन खत्म करेंगे। डेढ़ बजे के लगभग एसडीएम हर्षल पंचोली पहुंचे। एसडीएम ने किसानों को समझाया।

दूध के भाव को लेकर कहा कि पानी के भाव में हमारा दूध लिया जा रहा है। प्याज मात्र 80 पैसे किलो लिए गए। खाद की बोरियों के बारे में बताया गया कि सोसायटी से प्राप्त होने वाली खाद की बोरी में 2 से 3 किलो खाद हमेशा कम निकलता है। जबकि वजन 50 किलो लिखा होता है। बीज को लेकर भी अपनी समस्या रखी कि हमारा सोयाबीन 3 हजार रुपए क्विंटल खरीदा जाता है।

स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए। किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए। दूध के भाव 7.50 रुपए प्रति फेट किया जाए। भावांतर योजना किसानों को नुकसान पहुंचा रही है, इसे बंद किया जाए। सभी फसलों का उचित मूल्य दिया जाए। किसानों के बच्चों के लिए शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाए। जिले में बड़ी मात्रा में नकली बीज और नकली खाद बिक रहा है। इस पर प्रतिबंध लगाया जाए।