पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 20 आतंकी कैंप बंद

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वर्ल्ड डेस्क

पाकिस्तान को डर है कि अक्तूबर में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) उसे दोबारा ब्लैकलिस्ट कर सकता है। इसी डर के कारण उसने मजबूरी में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 20 आतंकी कैंप बंद कर दिए हैं। इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि इन गर्मियों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ और सीमा पार घुसपैठ की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उच्च खुफिया सूत्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान ने अपने उन 20 आतंकी कैंपों को बंद कर दिया है जहां से वह कश्मीर में आतंकियों को भेजा करता था। ऐसा एफएटीएफ की जून में अमेरिका में हुई बैठक के बाद किया गया।

इस बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया था। माना जा रहा है कि यह आतंकी कैंप अक्तूबर तक बंद रहेंगे क्योंकि पेरिस में एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट सूची में बरकरार रखने के लिए मनी लांड्रिंग (धन शोधन) और आतंकी फंडिंग जैसे मसलों पर चर्चा होगी।

सूत्रों ने कहा, ‘हम एफएटीएफ में पाकिस्तान के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से टेरर फंडिंग पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हैं और हमने सभी परिणाम देखे हैं। पाकिस्तान पेरिस में ब्लैकलिस्ट हो या नहीं हो सकता है लेकिन उसके ऊपर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा लगातार ग्रे लिस्ट में होने के कारण आर्थिक परेशानियां जारी है जिसने पाकिस्तान को मजबूर किया है।’

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में आतंकी कैंपों को लेकर आए बदलाव का सबसे बड़ा सबूत यह है कि एलओसी से सीमापार कार्रवाई या घुसपैठ की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसा तीन दशकों में पहली बार हुआ है कि सीमापार घुसपैठ खत्म हो गई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सुरक्षाबल घाटी में गहन आतंकवाद-रोधी अभियानों का संचालन कर रहे हैं जिसका आतंकवादियों पर गहरा प्रभाव पड़ता हुआ दिख रहा है।

हालांकि एलओसी पर उत्तर और दक्षिण में पीर पंजाल रेंज में पाकिस्तान 28 लॉन्चपैड को संचालित कर रहा है। जहां से वह मई से अक्तूबर के बीच मौसम और बर्फबारी के अनुसार घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। यह समय एलओसी पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए अनुकूल है। सूत्रों का कहना है कि एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंघन में आई कमी पाकिस्तान में आए बदलाव को दिखाती है।