”मानव सेवा का 21वां महायज्ञ”

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पवन जैन के पिता की पावन स्‍मृतियों में बाबूलाल जैन सेवा संस्‍थान  के 21वें नि:शुल्‍क चिकित्‍सा एवं नेत्र तथा दंत ऑपरेशन के शिविर का शुभारंभ मुख्‍य अतिथि  श्री डी.पी. गुप्‍ता, अति. पु. महानिदेशक (चम्‍बल) एवं श्री राकेश जायसवाल, कलेक्‍टर, धौलपुर द्वारा जैन धर्मशाला राजाखेड़ा में 12 अक्‍टूबर 2019 को किया गया । मानव सेवा का यह सिलसिला वर्ष 2001 से अनवरत् जारी है और राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश तथा उत्‍तर प्रदेश के 50000 से अधिक मरीजों को प्रत्‍यक्ष रूप से लाभ पहुँचाकर मानवता की सेवा का यह यज्ञ निरंतर जारी है।
शरद पूर्णिमा के शुभ दिन प्रारंभ हुए इस शिविर में 2100 से अधिक मरीजों का परीक्षण किया गया । 183 चयनित लोगों के ऑपरेशन देश के प्रख्‍यात नेत्र चिकित्‍सक डॉ. पुरेन्‍द्र भसीन के हाथों रत्‍न ज्‍योति नेत्रालय, ग्‍वालियर में किये गये और 200 से अधिक दांतों के ऑपरेशन डॉ. संजय शर्मा के नेतृत्‍व में राजाखेड़ा में ही किये गये।
650 लोगों को केम्‍प में ही चश्‍में बनाकर वितरित किये गये तथा पूरी तरह दंत विहीन हो चुके 23 लोगों की नई बत्‍तीसी भी परमार्थ सेवा न्‍यास, मुरैना के दंत चिकित्‍सकों द्वारा बनाई गई। ”सर्वे भवन्‍तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामय:” के इस पुनीत महायज्ञ में दिल्‍ली के जैन युवा क्‍लब के 50 से अधिक नौजवानों ने शिविर में फल वितरण एवं भोजन व्‍यवस्‍था की पूरी जिम्‍मेदारी संभाली । परम पिता परमेश्‍वर से प्रार्थना है कि चंबल के इस अंचल में ही नहीं वरन् संपूर्ण विश्‍व में मानवता की ऐसी असंख्‍य लौ निरंतर जलती रहे।
हर शिविर के साथ यही कामना और भावना रहती है कि कल के अखबारों की सुर्खियों का दौर बदल जाये, अखबारों में खबरें न हों आतंकी विस्‍फोट की, किसी प्राकृतिक आपदा की, वरन् खबर हो कि अब हमारे चिकित्‍सकों ने स्‍वास्‍थ्‍य और सेवा के ऐसे मंदिर बनाये हैं, जहाँ पीडि़तों की हर बीमारी का समुचित ईलाज सम्‍भव है । कल के अखबारों में खबरें न हों कातिलों की, दरिदों की, वहशियों की, खबरें हों उनकी, जिन्‍होंने किसी विकलाँग को सबलाँग बनाया हो, किसी डूबते को बचाया हो और किसी अन्‍धे को आँखों की रोशनी दी हो। एक कवि के शब्‍दों में…
”ढूँढती है फिर नया विश्‍वास ये आँखें,
वेदना पढती कभी परिहास ये आँखें,
जिंदगी को और कुछ करवट बदलने दो,
फिर रचेगी सृष्टि का इतिहास ये आँखें।”
पवन जैन ने 21 साल से अपने पिता के नाम पर जो मानव सेवा का बेडा उठाया है। जिसमे आने वालों लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूत सेवा में कोई कमी नहीं होती। इसमें अगर आम लोग भी जुड़ेंगे तो सचमे इसका स्वरुप और बड़ा हो जाएगा।