ज्योतिरादित्य सिंधिया 12 मार्च को भोपाल आयेंगे, अगले दिन भरेंगे राज्‍यसभा के लिए नामांकन

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  • कांग्रेस छोड़ने के 27 घंटे बाद सिंधिया भाजपा में आए, कहा- कांग्रेस के जरिए जनसेवा संभव नहीं, यहां नई सोच को मान्यता नहीं मिलती
  • सिंधिया अपने घर से भाजपा नेता जफर इस्लाम के साथ भाजपा मुख्यालय पहुंचे, जफर ने ही सिंधिया और भाजपा में डील कराई
  • नड्डा ने कहा- ज्योतिरादित्यजी के नेतृत्व और प्रखरता से हम वाकिफ हैं, मोदीजी के नेतृत्व में इन्हें मुख्यधारा में काम करने का मौका मिलेगा
  • सिंधिया के भाजपा में आने से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा नाराज, आलाकमान से अपनी नाराजगी जाहिर की

नई दिल्ली

कांग्रेस छोड़ने के करीब 27 घंटे बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार दोपहर 2.50 बजे भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की तीन वजहें बताईं। पहली वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा जड़ता का माहौल और तीसरा नई सोच और नए नेतृत्व को मान्यता न दिया जाना। ज्योतिरादित्य ने 10 मिनट स्पीच दी। इसमें 4 बार मोदी का नाम लिया, लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिक्र तक नहीं किया। उन्होंने कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी, ट्रांसफर उद्योग चलाने के आरोप लगाए और कहा कि 18 महीनों में उनके सारे सपने बिखर गए। सिंधिया ने कहा कि उनके जीवन की दो अहम तारीखें हैं। पहली 30 सितंबर 2001 जब उनके पिता की मृत्यु हुई और दूसरी 10 मार्च 2020 जब उन्होंने अपने जीवन का अहम फैसला यानी कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया।

इसी बीच, भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी बनाया। ज्योतिरादित्य थोड़ी ही देर में भोपाल के लिए रवाना होंगे। वे यहां शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। शुक्रवार को ही राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किए जाने की आखिरी तारीख भी है।

सिंधिया के भाषण की 10 अहम बातें
1. 10 मिनट भाषण दिया

जेपी नड्डा ने ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के भाजपा और जनसंघ में योगदान का जिक्र किया। यह स्पीच करीब ढाई मिनट की रही। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मिनट भाषण दिया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और बोले- बाकी कल।

2. चार बार मोदी, 2-2 बार शाह और नड्डा का जिक्र

सिंधिया ने शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद देने से की। उन्होंने कहा कि देशसेवा के लिए यह मंच दिलवाने के लिए सभी का शुक्रिया। इसके बाद अपने भाषण में 2-2 बार नड्डा और शाह का जिक्र किया। नरेंद्र मोदी का जिक्र चार मौकों पर किया और उनकी तारीफ भी की।

3. शिवराज का एक भी बार नाम नहीं लिया

पिछले कई महीनों से बैकफुट पर चल रहे शिवराज अचानक मध्य प्रदेश की राजनीति में आए बदलाव से फ्रंट फुट पर आ गए हैं। भोपाल से दिल्ली तक उनकी पूछ-परख हो रही है। लेकिन, सिंधिया ने अपनी पूरी स्पीच में एक भी बार उनका जिक्र नहीं किया। लेकिन, उन्होंने मंदसौर गोलीकांड का जिक्र जरूर किया और किसानों पर केस का मुद्दा उठाया।

4. दो तारीखों ने मेरा जीवन बदल दिया

सिंधिया ने कहा- कई बार ऐसे मोड़ आते हैं, जो जीवन को बदलकर रख देते हैं। दो तारीखें मेरे जीवन में अहम हैं। पहली 30 सितंबर 2001। इस दिन मैंने अपने पिता माधवराव सिंधियाजी को खोया था। यह जीवन बदलने वाला दिन था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 इस दिन नए मोड़ का सामना करके मैंने एक फैसला लिया। हमेशा माना कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए। पिताजी और मैंने प्राणप्रण और पूरी श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की।

5. कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व विडंबना

बोले- कांग्रेस आज पहले जैसी नहीं रही। राष्ट्रीय स्तर पर विडंबना है, राज्य में अलग स्थिति है। कांग्रेस की इस स्थिति के तीन बिंदु हैं। वास्तविकता से इनकार करना, जड़ता का वातावरण और नई सोच व नए नेतृत्व को मान्यता न मिलना। राष्ट्रीय स्तर की जो स्थिति है, वही मध्य प्रदेश में है।

6. 18 महीने में सारे सपने बिखर गए

“2018 में सरकार बनते वक्त कुछ सपने संजोये थे, 18 महीनों में वे सपने पूरी तरह बिखर गए। किसानों की बात हो, 10 दिन में कर्जमाफी की बात की थी, कोई वादा पूरा नहीं हुआ। किसानों को बोनस, ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिला। मंदसौर के गोलीकांड के बाद मैंने सत्याग्रह छेड़ा था, लेकिन आज भी हजारों किसानों पर केस लगे हैं। नौजवान भी बेबस है। रोजगार के अवसर नहीं हैं।”

7. एमपी में ट्रांसफर उद्योग, रेत माफिया का खेल

“वचन पत्र में कहा गया था कि हर महीने अलाउंस दिया जाएगा, उसकी सुध नहीं ली गई। मध्य प्रदेश में अब भ्रष्टाचार के बड़े अवसर उत्पन्न हो गए हैं। ट्रांसफर उद्योग, रेत माफिया का खेल मध्य प्रदेश में चल रहा है।”

8. कांग्रेस के माध्यम से जनसेवा संभव नहीं

सिंधिया ने कहा कि आज मन व्यथित और दुखी है, जो स्थिति आज उत्पन्न हुई…मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति आज कांग्रेस के माध्यम से नहीं हो पा रही है। सत्य और मूल्यों के आधार पर चलने वाले व्यक्ति के तौर पर मैंने फैसला लिया है।
9. मोदी दूरदर्शी, जैसा जनादेश उन्हें मिला.. किसी को नहीं मिला

“भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ाना है। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मुझे वह मंच प्रदान किया गया है, जिससे जनसेवा और राष्ट्रसेवा की राह पर आगे बढ़ पाएंगे। किसी भी प्रधानमंत्री को ऐसा जनादेश नहीं मिला, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी को दो बार मिला।”
10. मोदी के हाथों में देश का भविष्य सुरक्षित

सिंधिया ने कहा- योजना के क्रियान्वयन की क्षमता मोदीजी में है। आज की नहीं, भविष्य की चुनौतियों को परखना और उनके लिए योजना बनाना…यह क्षमता मोदीजी में है। मैं मानता हूं कि भारत का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है। मुझे देशसेवा का अवसर मिलेगा इसलिए मैं सभी का कृतज्ञ हूं।

सत्र के बाद सिंधिया को मंत्री बनाया जाएगा

सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। अब सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी है। इसकी घोषणा भी बुधवार को दिल्ली में होगी। सत्र के बाद सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने सिंधिया के इस्तीफे की खबर लगते ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है।

राहुल का ट्वीट

सिंधिया के इस्तीफे के करीब 24 घंटे बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया- ‘‘जब आप (मोदी सरकार) कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने में व्यस्त हैं, तब यह देखने में चूक गए कि दुनिया में तेल की कीमतों में 35% की गिरावट आई है। क्या आप पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपए प्रति लीटर कर देश के लोगों को राहत दे सकते हैं? इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।’’

भाजपा में शामिल होने के 3 घंटे बाद पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया है। दोपहर 2.50 बजे भाजपा ने सिंधिया को मध्यप्रदेश से प्रत्याशी बनाया है, जहां राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा ने बुधवार को कुल 11 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इनमें से दो सीटें सहयोगी दलों को दी गई हैं। महाराष्ट्र से आरपीआई के रामदास आठवले और असम से बीपीएफ के बुस्वजीत डाइमरी को उम्मीदवार बनाया गया है। मध्यप्रदेश से सिंधिया के अलावा अभी दूसरे उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है।

क्रमांक उम्मीदवार राज्य
1 भुवनेश्वर कालीता असम
2 विवेक ठाकुर बिहार
3 अभय भारद्वाज गुजरात
4 रमीलाबेन बारा गुजरात
5 दीपक प्रकाश झारखंड
6 लिएसेंबा महाराजा मणिपुर
7 ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश
8 उदयना राजे भोंसले महाराष्ट्र
9 राजेंद्र गहलोत राजस्थान
10 रामदास आठवले (आरपीआई) महाराष्ट्र
11 बुस्वजीत डाइमरी (बीपीएफ) असम

भाजपा ने  विधायकों को भोपाल से बाहर भेजा 
प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम को लेकर भाजपा ने अपने 105 विधायकों को भोपाल से बाहर रवाना कर दिया। इनमें से 8-8 विधायकों का एक ग्रुप बनाया गया है। हर एक ग्रुप में एक विधायक को ग्रुप लीडर भी बनाया गया है। वह सभी विधायकों पर नजर रखेंगे। विधायकों को अलग-अलग बसों से दिल्ली, मानेसर और गुड़गांव के होटलों में भेजा गया। उधर, सिंधिया समर्थक विधायक भी बुधवार को बेंगलुरु से दिल्ली लाए जाएंगे। अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो ही विधायक भोपाल आएंगे, नहीं तो इन्हें राज्यसभा चुनाव (26 मार्च) के वक्त ही भोपाल बुलाया जाएगा। इधर, भोपाल से भाजपा विधायकों के साथ ही बड़े नेताओं का दिल्ली जाने का सिलसिला चल रहा है।

बेंगलुरु से इन विधायकों को दिल्ली लाया जाएगा 
बेंगलुरू में ठहराए गए सिंधिया समर्थक विधायकों को बुधवार को बेंगलुरु से दिल्ली भेजा जाएगा। इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिर्राज दंडोतिया, यशवंत जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, हरदीप डंग, मुन्ना लाल गोयल, ब्रिजेंद्र यादव शामिल हैं।

विधानसभा चुनाव से राज्यसभा चुनाव तक सिंधिया की नाराजगी
सीएम पद की दौड़ में पिछड़े : विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने सिंधिया का प्रचार के मुख्य चेहरे के रूप में इस्तेमाल किया था, लेकिन सीएम पद की दौड़ में वे पिछड़ गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी उनका नाम आगे रहा, लेकिन पद नहीं मिला।

डिप्टी सीएम भी नहीं बन सके : अटकलें थीं कि ज्योतिरादित्य डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य को गुना लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी उनकी दावेदारी कमजोर हो गई।

पसंद का बंगला नकुल को मिला : सिंधिया ने चार इमली में बी-17 बंगला मांगा, लेकिन वह कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को दे दिया गया।

ट्विटर हैंडल से कांग्रेस का नाम हटाया : करीब 4 महीने पहले 25 नवंबर 2019 को ज्योतिरादित्य ने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया। केवल जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा

ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायक किस तरफ जाएंगे, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। ये विधायक अभी बेंगलुरु में हैं। उनके पाला बदलने के खतरे को देखते हुए भाजपा ने 105 विधायकों को मानेसर और कांग्रेस ने करीब 80 विधायकों को जयपुर भेज दिया है। कांग्रेस के ही कुछ विधायक भोपाल में बने हुए हैं। सियासी हलचल में तकनीकी पेंच यह है कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने विधानसभा सदस्यता छोड़ी है, पार्टी नहीं। कांग्रेस ने भी अभी इन्हें बर्खास्त नहीं किया है। इसी आधार पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह नया दावा कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा- ‘‘22 बागियों में से 13 विधायकों ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। इस तरह हमारी सरकार फ्लोर टेस्ट जीत लेगी। हम न सो रहे हैं, न चुपचाप बैठे हैं।’’

सिंधिया चले जाएंगे, इसका अंदाजा नहीं था : दिग्विजय
दिग्विजय ने सिंह ने कहा- सिंधिया कांग्रेस छोड़कर चले जाएंगे, हमें इसका अंदाजा नहीं हो पाया। हमसे यह चूक हुई। सिंधिया को हमने मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम की पोस्ट ऑफर की थी। लेकिन वे अपने किसी आदमी को इस पद पर बैठाना चाहते थे। कमलनाथ को (सिंधिया के) किसी चेले को डिप्टी सीएम बनाना मंजूर नहीं था। सिंधिया को राज्यसभा का टिकट भी मिल सकता था।

भाजपा, कांग्रेस और बागी विधायक 4 अलग-अलग शहरों में
मानेसर : भाजपा के 107 में से 105 विधायक होटल में

भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इनमें से 105 विधायकों को भाजपा ने मंगलवार रात ही भोपाल में पार्टी मुख्यालय से बसों में बैठाकर एयरपोर्ट भेज दिया और दिल्ली रवाना कर दिया। इन्हें मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचने के बाद गुड़गांव के आईटीसी ग्रैंड होटल ले जाया गया। दो बचे विधायकों में शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में और नारायण त्रिपाठी अपनी मां के निधन की वजह से मध्यप्रदेश में ही हैं।

जयपुर : कांग्रेस+ के 94 में से 80 विधायक सीएम हाउस से सीधे रवाना किए गए
मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर 16 घंटे में दूसरी बार कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। पहली बैठक मंगलवार शाम 6 बजे हुई थी। इसमें कांग्रेस के 90 और 4 निर्दलीय विधायक मौजूद थे। दूसरी बैठक बुधवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई। दो घंटे की बैठक के बाद विधायकों ने यहां नाश्ता किया। फिर 94 में से 80 विधायकों को तीन बसों में बैठाकर सीधे एयरपोर्ट रवाना कर दिया गया। विधायक जिन कारों में आए थे, उन्हें खाली ही लौटा दिया गया।

भोपाल : कांग्रेस के 14 विधायक भोपाल में
कांग्रेस ने सबसे भरोसेमंद 14 विधायकों को भोपाल में रोक रखा है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक उठापटक और 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इन विधायकों को भोपाल में रोका गया है। मध्यप्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है।

बेंगलुरु : 22 बागी विधायक येदियुरप्पा के बेटे की निगरानी में
बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर रिसॉर्ट पाम मेडोज के साथ तीन अलग-अलग जगहों पर सिंधिया समर्थक विधायकों को ठहराया गया है। ये जगह कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद लिंबोवली के निर्वाचन क्षेत्र में है। सभी विधायक कमांडो की निगरानी में हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और सांसद बीवाय राघवेंद्र और विजयन इन विधायकों को संभाल रहे हैं। इनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया भी हैं।