भोपाल । बोलने, सांस लेने, खान खाने और पानी पीने तक में आसमर्थ 75 साल की बुजुर्ग महिला की आहर नली की एम्स में सफल सर्जरी की गई। यह जटिल सर्जरी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटकोलाजी और इएनटी विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने मिलकर की है। महिला में समस्या की शुरूआत कुछ खाने पर सीने में दर्द के साथ हुई। जिसे महिला ने नजर अंदाज किया। जिसके कारण समस्या ने गंभीर रूप ले लिया। जिसके बाद महिला एम्स भोपाल पहुंची। जहां जांच में दस लाख में से एक को होने वाली मेगाओसोफेगस नामक दुर्लभ बीमारी होने की बात सामने आई। इसके बाद डाक्टरों की एक बैठक के बाद आपरेशन का फैसला लिया गया।
क्या है यह बीमारी
महिला मरीज को मेगाओसोफेगस के साथ अचलासिया कार्डिया भी था। यह ऐसी स्थिति है, जिसमें भोजन नली की मसल्स और नसों में सूजन आ जाती है। साथ ही वे सक्त हो जाती हैं, जिसके कारण खाना या पानी अंदर नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में आहर नली में अटके भोजन के कारण ही सीने में दर्द व भारीपन जैसी परेशानी का मरीज को सामना करना पड़ता है।
सामान्य से चार गुना ज्यादा फैल गई थी आहर नली
मरीज को सांस लेने में गंभीर तकलीफ, तरल पदार्थ भी ना निगलन पाना और बोलने में भी समस्या हो रही थी। जिसे देख तत्काल आपरेशन का फैसला लिया गया। इस दौरान सर्जरी से पहले सीटी स्कैन करने में सामने आया कि भोजन नली बड़े पैमाने पर फैली हुई थी। डाक्टरों के अनुसार यह सामान्य आकार से लगभग चार गुना बढ़ गई थी। जिसके कारण श्वास नली, हृदय और छाती में मौजूद प्रमुख नसों (रक्त वाहिकाओं) को दबा रही थी।
एक प्रक्रिया में निकला फंसा भोजन, दूसरे में किया समस्या का हल
सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी के एडिशनल प्रोफेसर डा. विशाल गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले भोजन नली में एक ट्यूब डाल कर दबाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद ईएनटी विभाग के डा विकास गुप्ता और उनकी टीम ने एक आपातकालीन डीकंप्रेसिंग प्रक्रिया की। जिसमें आहर नली से लगभग 800 मिलीलीटर भोजन और तरल पदार्थ निकाला गया। इसके कुछ दिन बाद दूसरी प्रक्रिया में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग के विशेषज्ञों ने भोजन नली में सुधार करने के लिए दूसरा आपरेशन किया गया। मरीज अब सामान्य रूप से खाना खा रही है और पूरी तरह से ठीक है।
इन डाक्टरों की भी रही अहम भूमिका
प्रोफेसर डा.वैशाली वेंडेस्कर, सहायक प्रोफेसर डा.प्रणिता मंडल, सहायक प्रोफेसर डा. संदीप कुमार और सहायक प्रोफेसर डा. अभिनव भगत के साथ रेडियोडायग्नोसिस व एनेस्थीसिया टीम के समय पर सहयोग से रोगी की सफल सर्जरी की गई। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ प्रो. डा अजय सिंह ने सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलाजी, ईएनटी, एनेस्थीसिया और रेडियोडायग्नोसिस विभागों के विशेषज्ञों के कार्यों को सराहा है।