नई दिल्ली। आजाद हिंद फौज की स्थापना के 75 साल पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराया। मोदी ने कहा कि 75 साल पहले देश से बाहर बनी आजाद हिंद सरकार अखंड भारत की सरकार थी, अविभाजित भारत की सरकार थी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
75th year of Azad Hind Fauj: Modi talked on Congress Attack, said- forgot Netaji to make a family big
मोदी ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए देश के अनेक सपूतों चाहे सरदार पटेल हो, बाबा साहब अंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही नेताजी के योगदान को भुलाने की कोशिश हुई। पीएम ने देश के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि आजादी के बाद अगर पटेल और बोस का नेतृत्व मिलता तो स्थितियां अलग होतीं।
पीएम ने नेताजी की उस चिट्ठी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देशवासियों को आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई देता हूं। मोदी ने कहा, ‘आजाद हिंद सरकार केवल नाम नहीं था। नेताजी के नेतृत्व में इस सरकार ने हर क्षेत्र में नई योजना बनाई थी। इस सरकार का अपना बैंक था, अपनी मुद्रा थी, अपना डाक टिकट था, गुप्तचर सेवा थी। कम संसाधन में ऐसे शासक के खिलाफ लोगों को एकजुट किया जिसका सूरज नहीं ढलता था। वीरता के शीर्ष पर पहुंचने की नींव नेताजी के बचपन में ही पड़ गई थी।’
मोदी ने सुभाष चंद्र बोस की उस चिट्ठी का जिक्र किया जो उन्होंने किशोर अवस्था में अपनी मां को लिखी थी। मोदी ने कहा, ‘सुभाष बाबू ने मां को चिट्ठी लिखी। उन्होंने 1912 के आसपास चिट्ठी लिखी थी। उस समय ही उनमें गुलाम भारत को लेकर वेदना थी। उस समय वह सिर्फ 15-16 साल के थे। उन्होंने मां से पत्र में सवाल पूछा था कि मां क्या हमारा देश दिनों दिन और अधिक पतन में गिरता जाएगा। क्या इस दुखिया भारत माता का एक भी पुत्र ऐसा नहीं है जो पूरी तरह अपने स्वार्थ की तिलांजली देकर अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दे। बोलो मां हम कबतक सोते रहेंगे?
‘एक परिवार के लिए नेताजी, पटेल को भुलाने की कोशिश’
पीएम मोदी ने कहा, ‘इसी लाल किले पर आजाद हिंद फौज के सेनानी शाहनवाज खान ने कहा था कि सुभाष चंद्र बोस ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत होने का एहसास उनके मन में जगाया। ऐसी क्या परिस्थितियां जीं जो शाहनवाज खान को यह बात कहनी पड़ी। कैंब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष चंद्र ने लिखा है कि हमें सिखाया जाता था कि यूरोप ग्रेटब्रिटेन का रूप है, इसलिए यूरोप को ब्रिटेन के चश्मे से देखने की आदत है। आजादी के बाद भी लोगों ने इंग्लैंड के चश्मे से देखा। हमारी व्यवस्था, हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारी पाठ्य पुस्तकों को इसका नुकसान उठाना पड़ा।’
पीएम ने कहा कि स्वतंत्रता के पहले दशकों में अगर पटेल और बोस का नेतृत्व मिलता तो स्थितियां अलग होतीं। मोदी ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यहां एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए देश के अनेक सपूतों सरदार पटेल, बाबासाहब अंबेडकर हों, नेताजी के योगदान को भुलाने की कोशिश की थी।’ मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर राष्ट्रीय सम्मान देने की घोषणा की है।