16 जिलों में कम गिरा पानी, सूखे का संकट, प्रदेश से मानसून विदा, सामान्य से 8 फीसदी कम गिरा पानी

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भोपाल। प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। जून से लेकर सितंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें आधा दर्जन करीब जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। जबकि डेढ़ दर्जन जिलों की प्यास ही नहीं बुझपाई। इन जिलों में सामान्य से बेहद कम बारिश हुई, जिसकी वजह से इन जिलों में सूखे का संकट पैदा हो सकता है। मौसम विभाग ने प्रदेश से मानसून की विदाई के संकेत दे दिए हैं।
Decreased drop in 16 districts, drought crisis, monsoon departure from the state, 8 percent less water than usual
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एसके डे ने बताया कि 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून सीजन माना जाता है। पश्चिमी राजस्थान से मानसून विदा हो चुका है। देश में कई स्थानों पर प्रतिचक्रवात बनने का सिलसिला शुरू हो गया है। दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। वातावरण से आद्रता कम होने का सिलसिला शुरू हो गया है। यह मानसून की वापसी के संकेत हैं। इस सप्ताह मप्र से मानसून के पूरी तरह रुखसत होने के आसार हैं। 30 सितंबर तक प्रदेश में कुल 871.7 मिमी. बरसात हुई है। जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 952.3मिमी। इससे 8 फीसदी बारिश कम हुई है।

इन जिलों में बनेंगे सूखे के हालात
बैतूल में सामान्य से 35, अलीराजपुर में 34, देवास में 28, अनूपपुर में 28, छिंदवाड़ा में 27, हरदा में 26, बालाघाट में 26, शहडोल में 25, सिवनी में 25, सागर में 19, रीवा में 19, भोपाल में 19, सीधी में 18, होशंगाबाद में 18, नरसिंहपुर में 17, डिंडोरी में 15 प्रतिशत से कम बरसात हुई। इन जिलो ंमें सूखे के हालात निर्मित होंगे। जबकि उधर टीकमगढ़ में 51, नीमच में 42,भिंड में 34,शिवपुरी में 27 और खंडवा में 22 फीसदी अधिक बरसात हुई।