राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से मांगी खरीदी प्रक्रिया की जानकारी, 29 अक्टूबर को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली। राफेल डील पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से खरीद प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सीलबंद लिफाफे में उस फैसले की प्रक्रिया की डीटेल देने को कहा है, जिसके बाद राफेल जेट की खरीद को लेकर फ्रांस की कंपनी दैसॉ एविएशन से डील हुई। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में अब 29 अक्टूबर को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि विपक्ष राफेल जेट की कीमतों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा है और इसी के तहत मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
The Supreme Court on the Rafael Deal sought information from the Center for the purchase process, will be heard on October 29
‘कीमत, तकनीकी डीटेल्स देने की जरूरत नहीं’
राफेल से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए केंद्र से यह रिपोर्ट तलब की। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने साफ कहा है कि वह डिफेंस फोर्सेज के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं। बेंच ने कहा, ‘हम सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता से संतुष्ट होना चाहते हैं।’ बेंच ने यह भी साफ किया है कि वह राफेल डील की तकनीकी डीटेल्स और कीमत के बारे में सूचना नहीं चाहता है।

वहीं, केंद्र सरकार ने राफेल डील पर दायर की गई याचिकाओं को रद्द करने की मांग की है। केंद्र ने दलील दी कि राजनीतिक फायदे के लिए राफेल पर PILs दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तीन दिन की यात्रा पर आज रात फ्रांस के लिए रवाना हो रही हैं।

विवाद के बीच रक्षा मंत्री की फ्रांस यात्रा
रक्षा मंत्री की यह यात्रा फ्रांसीसी कंपनी दैसॉ एविएशन से 36 राफेल विमानों की खरीद पर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में हो रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि सीतारमण अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली के साथ दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को गहरा बनाने के तौर-तरीकों तथा परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगी।

राफेल पर प्रगति की होगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार सीतारमण 58,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत भारतीय वायुसेना को दैसॉ द्वारा 36 राफेल जेट विमानों की आपूर्ति की प्रगति की समीक्षा करेंगी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में 10 अप्रैल 2015 को तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल जेट विमानों की खरीद की घोषणा की थी। 23 सितंबर 2016 को अंतिम रूप से यह सौदा पक्का हुआ।

कांग्रेस का गंभीर आरोप
कांग्रेस इस सौदे में बड़ी अनियमितता का आरोप लगा रही है। मुख्य विपक्षी पार्टी का आरोप है कि सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से यह विमान खरीद रही है जबकि वढअ की पिछली सरकार के दौरान इसका दाम 526 करोड़ रुपये तय किया गया था।