दिल्ली में ट्रिपल मर्डर: पिता की डांट से नाराज होकर युवक ने ली थी माता-पिता व बहन की जान

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नई दिल्ली। वसंत कुंज के किशनगढ़ गांव में माता-पिता और बहन की हत्या के आरोपी सूरज को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिता और परिवार की डांट से नाराज होकर सूरज ने चाकुओ से गोद सबकी हत्या कर दी। इस जघन्य हत्याकांड ने देश की राजधानी को दहला दिया है। सूरज ने बिल्कुल पेशेवर अपराधी की तरह इस घटना को अंजाम दिया। वारदात से पहले सबकुछ सामान्य था, सबने मिलकर खाना खाया था। रात को सूरज ने चाकुओं से 30 बार वार कर तीनों की हत्या कर दी।
Triple Murder in Delhi: Angered by the father’s scolding, the young man took the life of his parents and sister
जानकारी के मुताबिक, पिता मिथिलेश को यह पता लग चुका था कि उनका इकलौता बेटा गलत रास्ते पर चलने लगा है। वह इसका विरोध करते थे और कई बार बेटे के न मानने पर उसकी पिटाई भी कर देते थे। बस, इससे ही नाराज होकर बेटे ने अपने परिवार को मौत के घाट उतार दिया। पहले उसने पिता की हत्या करने की योजना बनाई थी लेकिन बाद में उसने उसकी आजादी में रोड़ा बनने वाली मां और अपनी बहन को भी मार डाला।

तीनों को सोते हुए मारा गया। इन तीनों के ऊपर चाकू के कम से कम 30 वार किए गए। बहन नेहा का तो गला भी काट दिया गया जबकि पिता के पेट, गले और छाती पर चाकू व कैंची के ताबड़तोड़ वार किए गए। साउथ-वेस्ट जिले के डीसीपी देवेंद्र आर्य का कहना है कि आरोपी सूरज ने बताया कि उसने और उसके आठ-दस दोस्तों ने (जिसमें कुछ लड़कियां भी शामिल थीं) ने मिलकर महरौली में एक फ्लैट किराए पर ले रखा था।

किराए के रूप में हर दोस्त 500 से 700 रुपये मकान मालिक को देता था। यहां ये सब दोस्त अपनी तरह से आजादी की जिंदगी जीते थे। पुलिस ने यह नहीं कहा है कि ये लोग यहां अय्याशी और नशा करते थे लेकिन आजादी वाली जिंदगी जीने की बात कही है।  इसे यह आजादी का नाम देते थे। पिता सूरज के रोज-रोज देरी से घर आने का विरोध करता था जिससे सूरज चिढ़ने लगा था।

उसने अपने पिता से कहा भी था कि उसे उसके हिसाब से आजादी वाली जिंदगी जीने दें। पिता अपने बेटे का भविष्य बेहतर बनाने के लिए उससे जल्दी घर आने और पढ़ने-लिखने के लिए कहते थे जो कि सूरज को अच्छा नहीं लगता था। पुलिस का कहना है कि मंगलवार को ही सूरज ने महरौली से चाकू और कैंची खरीदी थी। उस दुकान का भी पता लग गया है।

पुलिस का कहना है कि अपने माता-पिता और बहन को सूरज ने अकेले ही मारा। घर में कोई लूट नहीं हुई। वारदात की रात सोने तक सब कुछ सामान्य रहा। सभी ने साथ-साथ खाना खाया। इसके बाद सूरज माता-पिता और बहन के सोने का इंतजार करता रहा। जब सभी सो गए तो उसने देर रात करीब 3 बजे पहले अपने पिता को मारा। फिर मां पर वार किया। इसी दौरान बहन नेहा जग गई। उसने शोर मचाना चाहा तो उसे चाकू से गोद डाला। यहां मां बेटी को बचाने आईं तो मां पर भी चाकू के ताबड़तोड़ वार कर डाले। इसके बाद तीनों पर कैंची से भी वार किए।