पीएचडी की पढ़ाई छोड़ युवाओं को आतंक के रास्ते ले जा रहा था आतंकी मन्नान वानी

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नई दिल्ली। एएमयू से पीएचडी छोड़कर आतंकी बना मन्नान वानी युवाओं को आतंक के रास्ते पर ले जाने में जुटा था। गुरुवार को सेना ने एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर मन्नान वानी को मार गिराने में सफलता हासिल की थी। सुरक्षा बल के सूत्रों के मुताबिक मन्नान वानी के परिजनों और दोस्तों ने कई बार उससे आतंक का रास्ता छोड़ने की अपील की, लेकिन वानी नहीं माना। वह अपनी पढ़ाई और क्षमताओं का इस्तेमाल कश्मीर के युवाओं को आतंक के रास्त पर बुलाने के लिए कर रहा था।
Terrorist Mannan Wani was leaving the studies of PhD students to terrorize the youth.
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि एएमयू से लापता होने और सोशल मीडिया पर हथियार वाली तस्वीर सामने आने के बाद मन्नान से कई अपील की गईं। हालांकि उसने अपने परिजनों की एक न सुनी। उन्होंने बताया कि काफी पढ़ा लिखा होने और दूसरे को प्रभावित कर लेने की क्षमता होने की वजह से मन्नान कश्मीरी युवाओं के सामने कथित ‘आजादी’ के लिए हिंसा को सही ठहराने में कामयाब होता था।

अधिकारी ने बताया कि वहाबी विचार पर मन्नान की काफी पकड़ थी और वह इसका इस्तेमाल युवाओं को भड़काने के लिए करता था। एक दूसरे अधिकारी के मुताबिक वानी एकतरह से आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती का मास्टरमाइंड बन गया था। उन्होंने बताया कि वानी जैसे आतंकी उनकी तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं जो सीधे हमलों में शामिल होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे पढ़े-लिखे आतंकी सीधे कश्मीरियों के दिमाग और विचार प्रक्रिया पर कब्जा कर आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक इस साल अबतक 130 से अधिक स्थानीय युवाओं ने आतंक का रास्ता थामा। हालांकि इस बीच सुरक्षा बलों ने ऐंटी टेरर आॅपरेशन में बहुत आतंकी भी मारे हैं। आतंकी संगठनों की तरफ से लगातार इस बात की कोशिश की जा रही है कि घाटी में आतंकियों की संख्या कम से कम 300 से नीचे आए।