आतंकी मन्नान वानी के लिए आजादी का नारा लगाने वाले एएमयू के छात्रों पर देशद्रोह का केश

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अलीगढ़। यूपी पुलिस ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दो रिसर्च स्कॉलर और कई अज्ञात कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल शुक्रवार को सोशल मीडिया पर स्टूडेंट्स का एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें आजादी के नारे लगाए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि ये नारे कश्मीर में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी मन्नान वानी के लिए थे। मन्नान वानी एएमयू में रिसर्च स्कॉलर था और बीच में ही पढ़ाई छोड़कर आतंकी बन गया था।
The treason of treason for the students of AMU who have made a slogan of freedom for terrorists Mannani Wani
13 सेकंड के इस विडियो को कथित रूप से यूनिवर्सिटी कैंपस में ही शूट किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर में हंदवाड़ा में मुठभेड़ में मारे गए मन्नान वानी के लिए कुछ छात्रों का एक समूह आजादी के नारे लगा रहा था। मन्नान यूनिवर्सिटी से भूगर्भ विज्ञान में पीएचडी कर रहा था। इस साल की शुरूआत में ही वह आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था।

एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि मेडिकल चौकी इंचार्ज इसरार अहमद के द्वारा एएमयू से बायोकेमेस्ट्री से पीएचडी कर रहे वसीम अयुब मलिक और इतिहास के छात्र अब्दुल हसीद मीर के अलावा अन्य कई अज्ञात छात्रों के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं, एएमयू प्रशासन ने तीन छात्रों को निलंबित करते हुए 9 छात्रों को नोटिस जारी किए हैं जो मन्नान बशीर वानी के जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

नमाज पढ़ने की कोशिश हुई
मन्नान वानी के मारे जाने की खबर के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के केनेडी हॉल में लगभग 15 छात्र एकत्र हुए। उन्होंने वानी के लिए यहां नमाज पढ़नी शुरू की। यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मोहसिन खान ने बताया कि तीनों छात्रों ने अनुशासनहीनता की। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के नियमों का उल्लंघन करते हुए गैरकानूनी तरीके से सभा बुलाई। हालांकि यूनिवर्सिटी के पीआरओ ओमर पीरजादा का कहना है कि सभा आंतकी मन्नाव वानी के लिए नहीं हुई थी, छात्रों ने ऐसे ही सभा रखी थी जो गैरकानूनी थी।

जांच कमिटी गठित की गई
उन्होंने आगे कहा, ‘हम यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर उस जगह का सीसीटीवी फुटेज मांगेगे जहां आजादी के नारे लगाए गए थे।’ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता शफी किदवई ने बताया कि मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमिटी बनाई गई है और उन्हें 72 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।

इस दौरान स्थानीय सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर को पत्र लिखकर साल में एक बार छात्रों के हॉस्टल परिसर को चेक करनी की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा कि अगर वीसी छात्रों को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो वह इस्तीफा दे दें।