अमृतसर रेल हादसा: नहीं थम रहे परिजनों के आंसू, बयां कर रहे दर्दनाक दास्तां

0
269

अमृतसर। दशहरे के दिन अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों के ट्रेन की चपेट में आने की घटना को याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं। हादसे में बचे लोगों ने जो दास्तां सुनाई है वह बेहद दर्दनाक है। लोगों ने बताया कि लोगों के शव हवा में उड़ रहे थे। इधर, मृतकों के परिजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं।
Amritsar rail accident: No tears of tears, painful tales showing off
इस वीभत्स हादसे में मारे गए 11वीं क्लास के स्टूडेंट मनीष के पिता विजय कुमार के दर्द को कोई कम नहीं कर सकता। वह अपने बेटे के कटे हुए सिर की तस्वीरें लिए घूम रहे हैं और लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या उन्होंने कहीं उसका धड़ देखा है। गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कीमती लाल को यह पता नहीं था कि कुछ दूरी पर ही डॉक्टर उनकी बेटी और नातिन की अटॉप्सी कर रहे हैं। कीमती लाल हादसे की दुखद घड़ी को याद करते हुए कहते हैं, ‘हम तीनों लोग ट्रैक पर थे। जब हमने ट्रेन को देखा तो जल्दी से भागे, लेकिन अचानक ही लोग हमारे ऊपर गिरने लगे और फिर मैं नहीं जानता कि क्या हुआ।’

बेटे की दर्दनाक मौत को याद कर वह रोते हुए कहते हैं कि मनीष दोस्तों के साथ दशहरा देखने का गया था। लेकिन, उन्हें हादसे की जगह पर मनीष नहीं मिल सका। रुंधे गले से मनीष को याद करते हुए विजय कुमार ने कहा, ‘आज मुझे वॉट्सऐप पर किसी ने कटे हुए सिर की तस्वीर भेजी। मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि यह तो मेरा मनीष है। मैं तुरंत दौड़कर अस्पताल गया और उसकी बॉडी की तलाश शुरू कर दी।’

उनके अलावा ऐसे बहुत लोग हैं, जिन्होंने इस दर्दनाक हादसे में अपने लोगों को गंवा दिया। कीमती लाल अपने नातिन नूर के साथ दशहरा मनाना चाहते थे, जो सिर्फ 18 महीने की है। इसके लिए उन्होंने लुधियाना से अपनी बेटी अनु को घर बुलाया था। लेकिन अब उनकी मौत के लिए नूर के नाना और पिता खुद को जिम्मेदार ठहराते हुए फफक-फफककर रोने लगते हैं।