ग्वालियर-चंबल संभाग में सक्रिय हुए सिंधिया, 26 दावेदरों को बुलाय महल, दावेदारी का पूछा आधार

0
176

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट पाने के लिए हर क्षेत्र में कई दावेदार प्रयास कर रहे हैं। ग्वालियर और चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों पर भी यही स्थिति है। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव पर इस दावेदारी का असर नहीं पड़े, इसके लिए 26 सीटों के दावेदारों को ग्वालियर महल में बुलाया और उनकी दावेदारी का आधार पूछा। उन्होंने टिकट फाइनल होने पर दावेदारी के गिले-शिकवे भूलकर काम करने की बात कही।
Scindia became active in the Gwalior-Chambal division, call for 26 claimants to castle, claim basis for claiming
कांग्रेस में टिकट की मारा-मारी लगभग हर क्षेत्र में है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति ने प्रदेश के 43 जिलों के दौरे कर पार्टी कार्यकतार्ओं की शिकायतों को सुनकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया था। समिति ने ग्वालियर और चंबल संभाग के आठों जिलों ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना और अशोक नगर में कोई कार्यक्रम नहीं किया। इस कारण यहां जिन कार्यकतार्ओं को शिकायत थीं, उन्हें समिति नहीं सुन सकी थी। एक बार समिति ने दतिया का प्रोग्राम बनाया था तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दौरा कार्यक्रम आ गया और समन्वय समिति वहां नहीं जा सकी।

दावेदार सक्रिय हुए
ग्वालियर और चंबल संभाग की 34 सीटों में से अभी कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं, जिनमें से कुछ विधायकों की अपनी सीटों पर स्थिति ठीक नहीं है। इन स्थितियों के बीच क्षेत्र में चुनाव की हलचल बढ़ गई तो दावेदारों ने अपने प्रयास तेज कर दिए। स्क्रीनिंग कमेटी की भोपाल और दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू हो गया। दावेदारी करने वालों की संख्या काफी ज्यादा हो गई। दावेदारों के बीच कुछ सीटों पर टकराव की स्थिति भी बनने लगी।

आठ विधानसभा क्षेत्रों को छोड़ा
सूत्रों ने बताया कि सिंधिया ने अपने क्षेत्र की 34 विधानसभा सीटों में से भितरवार, डबरा, अटेर, लहार, विजयपुर, पिछोर, दतिया और सेवढ़ा के दावेदारों को छोड़कर अन्य 26 क्षेत्र के नेताओं को बुलाया और उनकी दावेदारी के बारे में पूछताछ की। सिंधिया ने सभी को कहा कि वे प्रयास करें, लेकिन पार्टी के सर्वे और अन्य रिपोर्ट के आधार पर जिसका भी टिकट फाइनल किया जाए, सभी उसके लिए काम करें। उस समय दावेदारी के समय के गिले-शिकवे आड़े नहीं आना चाहिए।