पनामा पेपर मामले में राहुल गांधी ने सीएम के बेटे का नाम लेने की मानी गलती, कहा-इतना भ्रष्टाचार है कि मैं कन्फ्यूज हो गया

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पनामा पेपर्स मामले में शिवराज और उनके बेटे का नाम लेने की गलती मान ली है। राहुल गांधी ने कहा है कि बीजेपी में इतना भ्रष्टाचार है कि कल मैं कन्फ्यूज हो गया था। राहुल गांधी ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के सीएम ने पनामा नहीं किया, उन्होंने तो ई-टेंडरिंग और व्यापम घोटाला किया है। आपको बता दें कि एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर आपराधिक मानहानि का केस करने की बात कही थी।
In the Panama Paper case, Rahul Gandhi admitted to taking the name of CM’s son, said, “There is so much corruption that I got confused.
राहुल ने सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स मामले में घसीटा था। इंदौर में रोड शो के दौरान राहुल गांधी ने पनामा पेपर और व्यापम का जिक्र करते हुए पिता-पुत्र की जोड़ी पर निशाना साधा था। इसपर पलटवार करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है। शिवराज ने कहा कि राहुल गांधी ने पनामा पेपर्स में मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम लेकर सारी हदें पार कर दीं।

मध्य प्रदेश के सीएम ने ट्वीट में कहा था कि हम राहुल गांधी पर मानहानि केस करने जा रहे हैं। इसके बाद राहुल गांधी की तरफ से सफाई सामने आ गई। राहुल गांधी ने सोमवार को झबुआ में कहा था कि शिवराज सिंह चौहान के बेटे का नाम पनामा पेपर्स में सामने आया था लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश ने भी पनामा पेपर्स में अपने पूर्व पीएम का नाम आने के बाद उन्हें सजा दी। अब राहुल ने गलती मान कर सफाई दी है। हालांकि इस सफाई में भी कांग्रेस अध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते ही नजर आए। उन्होंने पनामा पेपर्स वाले बयान पर गलती मानते हुए भी शिवराज सिंह चौहान को ई टेंडरिंग और व्यापम घोटाले का आरोपी बता डाला।

इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखा मुकाबला चल रहा है। बीजेपी लगातार 15 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा आगे कर बीजेपी को चुनौती पेश की है। ऐसे में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज होती जा ही है। चुनाव पूर्व हुए तमाम सर्वे भी एमपी में इसबार दिलचस्प लड़ाई की संभावना जता रहे हैं।