श्रीलंका को लेकर बोले विक्रमसिंघे, कहा- संवैधानिक संकट समाप्त नहीं हुआ तो देश झेलेगा खूनी संघर्ष

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कोलंबो। श्री लंका के बर्खास्त प्रधानमंत्री ने देश में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा नहीं होने पर खूनी संघर्ष की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर आनेवाले दिनों में संसद संवैधानिक संकट को समाप्त नहीं करती है तो देश को खूनी संघर्ष झेलने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने एएफपी को दिए इंटरव्यू में कहा कुछ निराश और गुस्से से भरे हुए लोग हिंद महासागर के क्षेत्र में उपद्रव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
Vikramsinghe, speaking about Sri Lanka, said: If the constitutional crisis does not end, then the country will fight against the bloody conflict
पद से बर्खास्त किए जाने के बाद से विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री आवास में ही रह रहे हैं और उनके घर के बाहर हजारों की संख्या में समर्थक जुटे हैं। 69 साल के विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति मैतरीपाला सिरिसेना ने 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर, उनके स्थान पर महिंदा राजपक्षे को देश का नया पीएम नियुक्त किया है।

पीएम आवास में ही रह रहे हैं विक्रमसिंघे
राष्ट्रपति के पद से बर्खास्त करने के बाद भी विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री आवास नहीं छोड़ा है। बर्खास्त पीएम ने साफ तौर पर राष्ट्रपति के आदेश को अंसवैधानिक बताते हुए पद से हटने से साफ इनकार कर दिया है। विक्रमसिंघे इस वक्त उपनिवेशवाद के दौर में बने टेंपल ट्री रेजिडेंस जो प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास होता है, वहीं रह रहे हैं। उनके आवास के बाहर तबसे बौद्ध भिक्षु लगातार प्रार्थना-गीत गा रहे हैं।

टूट सकता है समर्थकों का धैर्य
श्री लंका के राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद भी भंग कर दी है और सत्ता संघर्ष में अब तक एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो चुकी है। विक्रमसिंघे ने कहा कि मैं अपने समर्थकों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और हिंसक विद्रोह का रास्ता न अपनाएं। हालांकि, परिस्थितियां अगर बिगड़ीं तो समर्थकों का धैर्य टूट भी सकता है।