खंडवा। जिले की चारों विधानसभा सीटों से भाजपा प्रत्याशी तय होने के बाद खंडवा में बगावती तेवर मुखर हो रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से मांधाता में भी विरोध के स्वर सामने आ रहे हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि इन दोनों सीटों पर प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस के अलावा बागी भी पूरे दम-खम के साथ मैदान में उतरेंगे। इससे दोनों ही दलों के चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। हरसूद विधानसभा में मंत्री विजय शाह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने क्षेत्र के ही सुखराम सालवे को मैदान में उतारा है जो कोरकू समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में मंत्री शाह के गणित भी गड़बड़ा सकते हैं। बहरहाल, खंडवा जिले में चुनावी मुकाबला रोचक होगा।
Both parties are upset with the sharp turn of rebels in BJP-Congress
मांधाता से भाजपा ने विधायक लोकेंद्रसिंह तोमर का टिकट काटकर नरेंद्रसिंह तोमर को मैदान में उतारा है। लोकेंद्रसिंह पिछले चुनाव में महज 4300 वोट से जीते थे। उधर, कांग्रेस ने यहां से नारायण पटेल को मैदान में उतारा है। वे पिछला चुनाव हार चुके हैं। पूरे पांच साल क्षेत्र में सक्रिय रहने और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का समर्थक होने का उन्हें फायदा मिला है। टिकट के दावेदार ठाकुर राजनारायणसिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है और 8 नवंबर को वे नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि वे अपने समर्थकों से चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लेंगे।
दोनों ने झेली एक-एक हार
मांधाता से वर्तमान में भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी दोनों ही एक-एक बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। 2003 में नरेंद्रसिंह तोमर को राणा रघुराजसिंह तोमर और कमल पटेल की बगावत के कारण हार का मुंह देखना पड़ा था तो 2013 में नारायण पटेल भाजपाई लहर में हार से नहीं बच सके।
हरसूद पर हर एक की नजर
सातवीं बार चुनाव मैदान में उतरे मंत्री विजय शाह को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस ने महज छह माह पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए सुखराम सालवे को मैदान में उतारा है। इस विधानसभा क्षेत्र में कोरकू मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसी को कांग्रेस अपने लिए फायदे का सौदा समझ रही है। सालवे लंबे समय तक शाह के खेमे में ही रहे हैं इसलिए उनकी रणनीति से भी वाकिफ हैं। 2013 में बागी के तौर पर भैयालाल माइकल ने निर्दलीय मैदान संभाला था और 22 हजार वोट लिए थे। इस बार वे भी सुखराम सालवे के लश्कर में सवार हैं। ऐसे में हरसूद में भी चुनाव रोचक बन गया है।
सांसद ने किया डेमेज कंट्रोल
पंधाना से भी भाजपा ने योगिता नवलसिंह बोरकर का टिकट काट युवा प्रत्याशी राम दांगोरे को मौका दिया गया है। ऐसे में भील समाज की योगिता ने बगावती सुर अपना लिए थे लेकिन रविवार को सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने यहां पहुंचकर सबको समझाइश दे दी। योगिता बोरकर ने बागी सुर छोड़ भी दिए हैं लेकिन मतदान तक सभी को मनाए रखना भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं है।
खंडवा में भी उठने लगे विरोध के सुर
खंडवा से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र वर्मा को लेकर हिंदूवादी संगठन नाराज है। यही वजह है कि टिकट की घोषणा के बाद से ही हर दिन विरोध दर्ज करवाया जा रहा है। कभी मुंडन करवाकर तो कभी पुतला दहन कर टिकट बदलने की मांग की जा रही है।