ऐंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रहीं वसुंधरा पहुंची संघ की सरण में, पदाधिकारियों से की मुलाकात

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जयपुर। राजस्थान में चुनाव से ठीक एक महीने पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने संघ से संपर्क किया है। दिवाली पर उन्होंने जयपुर स्थित संघ के राज्य मुख्यालय जाकर आरएसएस के पदाधिकारियों से मुलाकात की। माना जा रहा है कि प्रांत प्रचारक निंबाराम और सह-प्रचारक शैलेंद्र समेत संघ के प्रमुख पदाधिकारियों से उनकी मुलाकात आगामी चुनावों में बीजेपी को राजनीतिक फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से हुई है।
Confrontation with the office bearers of Union Sangh reached Vasundhara, facing the anti-incumbency
दरअसल, सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में ऐंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रही है। ऐसे में बीजेपी को दूसरी बार सत्ता पाने के लिए आरएसएस के समर्थन की जरूरत होगी जबकि पिछले 25 वर्षों का ट्रेंड ऐसा रहा है कि किसी भी सरकार को दोबारा सत्ता नहीं मिली है। 11 नवंबर को बीजेपी की संसदीय बोर्ड की प्रस्तावित बैठक से पहले इस अनौपचारिक मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बोर्ड की बैठक में ही राजस्थान के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘राजस्थान में आएसएस काफी मजबूत है। बीजेपी को सभी चुनावों में इसके काडर से फायदा मिलता रहा है। अब चूंकि ऐंटी-इनकंबेंसी फैक्टर काफी मजबूत है, ऐसे में संघ का समर्थन काफी मायने रखता है।’ आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी पिछले महीनों में कई बार राजस्थान पहुंचे, जिससे संघ के पदाधिकारियों और काडर को ग्राउंड लेवल पर भेजा जा सके। राजस्थान में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी भागवत समेत संघ के पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं।

बताया जा रहा है कि आगामी चुनाव के मद्देनजर कई सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर भी बीजेपी ने संघ से मशविरा किया है। इतना ही नहीं, संघ ने बीजेपी के पक्ष में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। एक बीजेपी नेता ने कहा, ‘टिकट की घोषणा होने के बाद प्रचार तेज होगा। बीजेपी आरएसएस बैकग्राउंड वाले नेताओं को 50 फीसदी से ज्यादा टिकट दे सकती है। बीजेपी के लिए यह संघ के साथ अपने कैंपेन को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।’