चुनावी समर में कूदे बागी मलखान सिंह, भाषण में नेताओं से ज्यादा बटोर रहे हैं तालियां

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भिंड। विधानसभा चुनावी समर में चंबल घाटी में दशकों तक सक्रिय रहे पूर्व बागी मलखान सिंह भी कूद पड़े हैं। मलखान सिंह भाजपा के लिए प्रचार का बीड़ा उठाए हैं। पूर्व दस्यु सम्राट की भाषा शैली का असर ऐसा है कि आज भी सभा में नेताओं से ज्यादा उनके भाषण पर तालियां बजती हैं।
Kooda Baghi Malkhan Singh, in the election season, is gathering more than the leaders in the speech.
मंगलवार को अटेर विधानसभा के परा गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में भी मलखान सिंह आगे की पंक्ति में बैठे नजर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री के आने से पहले अपने भाषण में कांग्रेस को जमकर कोसा। इससे पहले मलखान सिंह लहार में केंद्रीय मंत्री उमा भारती की सभा में भी नजर आए थे।

80 के दशक में किया था आत्म समर्पण
पूर्व बागी मलखान सिंह जिले के बिलाव गांव के रहते हैं। गांव में मंदिर से लगी 100 बीघा जमीन के विवाद के बाद वे चंबल घाटी की बीहड़ों में कूद गए थे। चंबल के बीहड़ों में उस जमाने में अकेला ऐसा गिरोह था, जिसका फायर पॉवर पुलिस से ज्यादा मजबूत था। गिरोह में डेढ़ दर्जन से ज्यादा सदस्य रहते थे, लेकिन कैजुअल मेंबरों की संख्या 80 से ज्यादा रहती थी।

मलखान ने 80 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष हथियार डालकर आत्म समर्पण कर दिया था। मलखान कहते हैं कि उनके पास जो मशीन गन थी, उसे आत्मसमर्पण के समय मौजूद एसपी भी नहीं खोल पाए थे। गिरोह के पास आधुनिक हथियार कहां से आते थे, यह राज मलखान सिंह के सीने में आज भी दफन है।

कांग्रेस को वोट दोगे तो चंबल में डाकू दिखेंगे
परा गांव में हुई सभा में पूर्व बागी मलखान सिंह ने कहा बागी बनना आसान नहीं है। चरित्रवान होता है वो बागी बनता है। ऐसे तो तमाम मारे गए, जिन्होंने अपनी बहन-बेटियों की इज्जत नहीं रखी वो आज मेरे सामने नहीं हैंं। मैंने अपने जीवन में कहीं किसी का शोषण नहीं किया। क्या हो रहा है देश के अंदर। मलखान ने कहा कांग्रेस पूरे देश को बर्बाद करती है। कांग्रेस का जमाना देखा है। कांग्रेस के शासन में बागी हुआ। शोषण हुआ। अन्याय हुआ। हाथ जोड़कर कहता हूं कांग्रेस को वोट दोगे तो चंबल घाटी में डाकू ही डाकू दिखाई देंगे।