जयपुर। राजस्थान में चुनाव ड्यूटी में तैनात एक फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर राजदीप लांबा ने जिला चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर हनीमून जाने के लिए आवेदन किया। राजदीप की ड्यूटी चुरु जिले के झरिया गांव के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में एक फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर के रूप में लगी थी। चुनाव अधिकारी ने इसे वास्तविक वजह मानते हुए छुट्टियां अप्रूव कर दीं और चुनाव ड्यूटी से भी राहत दे दी।
Physical training instructor posted on election duty to go on honeymoon sought leave
चुनाव अधिकारी मुक्तानंद अग्रवाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘सर, आपसे निवेदन है कि मैं 29 नवंबर से 11 दिसंबर तक हनीमून के लिए मॉरीशस जा रहा हूं, इसलिए कृपया मुझे चुनाव ड्यूटी से राहत दे दीजिए।’ इसे एक वास्तविक और अपरिहार्य कारण मानते हुए चुनाव अधिकारी ने राजदीप की गुजारिश स्वीकार कर ली। हालांकि इसके लिए उन्हें अपना एयर टिकट और होटेल बुकिंग वगैरह दिखानी पड़ी, जिसकी कीमत 1.50 लाख रुपये थी।
राजदीप रेस वॉकिंग में एक नैशनल लेवल खिलाड़ी और चुरु के एक सरकारी स्कूल में पीटी के टीचर व ऐथलेटिक्स कोच भी रह चुके हैं। उनकी शादी 19 नवंबर को हुई है और एक अच्छी डील और आॅफर के चलते उन्होंने चुनाव तारीख की घोषणा से पहले ही हनीमून पैकेज बुक कर लिया था।
चुनाव तारीख से पहले ही फिक्स हो गई थी शादी
उत्साहित राजदीप ने बताया, ‘मैं चुनाव अधिकारी मुक्तानंद अग्रवाल के पास निवेदन लेकर गया क्योंकि मेरी शादी चुनाव तारीख से पहले ही फिक्स हो चुकी थी। मैं हनीमून को री-शेड्यूल नहीं कर सकता था क्योंकि यह काफी महंगा होता।’ उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी ने उनसे वैलिड बिल के साथ अपनी ट्रिप की डिटेल दिखाने को भी कहा। उन्होंने राजदीप को छूट देने से पहले हर चीज की सत्यता की जांच की।
उनकी पत्नी अंजली लांबा ने बताया, ‘हम 11 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगे और उसी दिन विधानसभा चुनाव के रिजल्ट भी आएंगे जिससे पता चलेगा कि कौन सी सरकार बनने वाली है। यह हमारा भाग्य है कि हमें परमिशन मिल गई है नहीं तो हमें वापस लौटना पड़ता।’
चुनाव ड्यूटी से हटने के लिए लोग बेतुके बहाने बनाते
चुनाव अधिकारी ने बताया, ‘हर दिन, मेरे पास कई आवेदन आते हैं जिनमें लोगों के पास कई तरह के बहाने होते हैं, बीमार भैंस से लेकर एक गर्भवती पत्नी, पेट की बीमारी या फिर हाइपरटेंशन जैसी बातें होती हैं। मैंने पहले से ही स्टाफ को कम कर दिया है। लेकिन यह केस वास्तविक था और मैंने सभी चीजों दावों की सत्यता की जांच भी की थी।’ कई जिला कलेक्टर ने बताया कि लोग चुनाव ड्यूटी से हटाए जाने के लिए काफी बेतुके बहाने बनाते हैं।
एक जिला अधिकारी ने बताया, ‘एक प्राइमरी स्कूल टीचर अपने बायें पैर में प्लास्टर और एक्सरे के साथ आए। हालांकि जिस तरह वह प्लास्टर लगाए हुए चल रहे थे उससे मुझे संदेह हुआ। हमने एक डॉक्टर बुलाकर उनका प्लास्टर कटवाया और वहां कुछ नहीं था। वह बिल्कुल ठीक थे।’