छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में चुनावी शोर थम चुका है, अब प्रत्याशी घर-घर दस्तक दे रहे हैं, लोगों से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं, लेकिन अवाम भी सिटिंग विधायकों और प्रत्याशियों को आईना दिखा रही है। उनसे पांच साल का हिसाब मांग रही है। ऐसे में बीजेपी विधायक चंद्रभान सिंह के लिये भी जनता के गिले-शिकवे और आरोपों से निपटने की चुनौती है।
Chhindwara made challenge for BJP’s Chandrabhan, less voter than Sadhana Agni test
साथ ही अधूरे वादों पर आक्रोशित जनता को साधना भी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। चंद्रभान सिंह का सियासी सफर। चंद्रभान सिंह के कार्यकाल पर लोगों का रोष उनके रिपोर्ट कार्ड की हकीकत बता रहा है। लोगों का कहना है कि जो वादे पिछले चुनाव के दौरान किये गये थे वो अब तक अधूरे हैं, जिससे छिंदवाड़ा की जरूरतें पूरी नहीं हुईं।
महिलाओं का कहना है कि नेताजी चुनाव के पहले विकास के दावे करते हैं और बाद में सब भूल जाते हैं। युवाओं ने शिक्षा को बेहतर बनाने और कृषि विश्वविद्यालय की मांग की है। हालांकि कुछ लोग विधायक के कामकाज को अच्छा भी मानते हैं और कहते हैं कि जो कार्य रह गये हैं वो इस बार पूरे हो जाएंगे।
बीजेपी ने चंद्रभान सिंह पर एक बार फिर दांव लगाया है, मैदान में उतार कर जनता के गुस्से को पलीता दिखा दिया है, जो इस बार क्या गुल खिलायेगा, इसका अंजादा लगाना मुश्किल है, लेकिन इतना तो तय है कि जनता इस बार विकास के मुद्दे पर ही बटन दबाएगी।