करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में पहुंचे 2 मंत्री, सम्मेलन की योजना पर भारत रख रहा नजर

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने बुधवार को करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में 2 मंत्रियों को भेजा था। हालांकि, इसके बावजूद वह पाकिस्तान सरकार के कदम को लेकर सावधानी बरत रही है। भारत सरकार खालिस्तान सिख फॉर जस्टिस समर्थकों की 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती के मौके पर पाकिस्तान में होने वाले सम्मेलन की योजना पर भी करीबी नजर बनाए हुए है।
Two ministers arrived at the Kartarpur Corridor Shilanyas function, keeping India in view of the conference plans
इस सम्मेलन में एसएफजे के सदस्य अलग खालिस्तान बनाने की मांग करेंगे। सूत्रों ने बताया कि सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान जिस उदारता के साथ वीजा दे रहा है, उससे सरकार को डर है कि भारत से जाने वाला सिख जत्था एसएफजे के सम्मेलन में शामिल हो सकता है। इसके अलावा करतारपुर गलियारा तीर्थयात्रियों के लिए वीजा फ्री भी रहेगा।

एसएफजे पर आरोप लगा था कि उसने अगस्त में ब्रिटेन में ‘रेफरेंडम 2020’ के समर्थन में आईएसआई की मदद से एक रैली आयोजित की थी। भारत सरकार ने इसे लेकर ब्रिटेन से आपत्ति भी जताई थी। एसएफजे की अगुआई में कई खालिस्तानी समर्थक ‘रेफरेंडम 2020’ के तहत पंजाब को अलग देश बनाए जाने के लिए जनमत संग्रह की मांग कर रहे हैं।

इस संगठन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह ‘रेफरेंडम 2020’ के तहत वोटरों के रजिस्ट्रेशन के लिए लाहौर में स्थायी कार्यालय खोल रहा है और यह पंजाब में सिखों के लिए सूचना केंद्र भी रहेगा। अगस्त में एसएफजे ने लंदन में कहा था कि वह भारत से अलग होने के मसले पर वैश्विक सिख समुदाय के बीच 2020 में ‘बाध्यकारी जनमत संग्रह’ कराएगा और पंजाब को एक आजाद मुल्क बनाएगा।