भोपाल। भोपाल जिले में मतदान के दिन इस्तेमाल हुई ईवीएम और वीवीपैट को जहां रखा गया है, वहां के सीसीटीवी कैमरे करीब डेढ़ घंटे बंद रहे। एलसीडी में कुछ भी नहीं दिखने के कारण प्रदेश कांग्रेस ने गोविंदपुरा और नरेला विधानसभा के प्रत्याशियों के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव से मिलकर आपत्ति दर्ज कराई। पार्टी ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए रिकार्डिंग दिखाने और जांच की मांग की है।
Angry Congress activist from the CCTV closure of Bhopal Strong Room
मतदान में इस्तेमाल, मॉकपोल के दौरान बदली, आरक्षित और सेक्टर अधिकारी के पास रहने वाली ईवीएम को स्ट्रांग रूम में मतदान खत्म होने के बाद जमा करने के निर्देश हैं। मतदान के लिए उपयोग में लाई गई मशीनों को बाकी ईवीएम से अलग स्ट्रांग रूम में रखा जाता है।
भोपाल जिले में मतदान के लिए इस्तेमाल की गई ईवीएम को पुरानी जेल परिसर अरेरा हिल्स में रखा गया है। नियमानुसार स्ट्रांग रूम में मशीन रखने के बाद दरवाजे को सील बंद किया जाता है और सीसीटीवी कैमरे बंद दरवाजे को परिसर के बाहर एलसीडी में प्रदर्शित करते रहते हैं। यह व्यवस्था प्रत्याशियों के संतोष के लिए की जाती है।
भोपाल में शुक्रवार को सुबह आठ से साढ़े नौ बजे तक स्ट्रांग रूम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे बंद रहे। इसकी भनक लगते ही कांग्रेस ने आपत्ति उठाई और शिकायत दर्ज कराई। शाम पांच कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर व्यवस्था पर आपत्ति जताई। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने बताया कि स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। सीसीटीवी कैमरे डेढ़ घंटे बंद रहे।
कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने इस बारे में बताया कि बिजली चले जाने की वजह से सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए थे, जबकि इलेक्ट्रिकल सिस्टम के संधारण का काम देख रहे ठेकेदार गोवर्धन मिश्रा का कहना है कि स्ट्रांंग रूम में कोई बिजली की सप्लाई नहीं रहती है, इसलिए कैमरे को डिस्कनेक्ट कर दिया गया। कलेक्टर, एडीएम और पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कनेक्शन बंद किया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पार्टी पदाधिकारियों ने डेढ़ घंटे कैमरे बंद रहने और इस अवधि की रिकार्डिंग दिखाए जाने की मांग की। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इस मुद्दे को लेकर मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पत्रकारवार्ता ली और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि भोपाल कलेक्टर से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
सुरक्षा में नहीं हुई चूक
भोपाल जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। वहां थ्री लेयर सिक्योरिटी है। स्ट्रांग रूम के बाहर पैरा मिलिट्री फोर्स, फिर एसएएफ के जवान और फिर प्रत्याशियों के कार्यकर्ता हैं। कलेक्टर और एसपी को भी अंदर जाना हो तो एंट्री करके जाना होता है। स्ट्रांग रूम में कोई कैमरे नहीं लगाता है क्योंकि वह डार्क रूम रहता है। वहां ना तो लाइट चालू रख सकते हैं ना ही कैमरे।
सुबह 8.19 बजे अचानक लाइट बंद हो गई जो 9.35 बजे वापस आई। इसकी वजह से स्ट्रांग रूम के बाहर लगी एलईडी भी बंद हो गई। वहीं, कलेक्टर डॉ.सुदाम पी खाडे ने बताया कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। हमने कांग्रेस के लोगों को भी स्ट्रांग रूम दिखवाकर संतुष्ट कर दिया है। आयोग को रिपोर्ट भी भेज दी है। अचानक बिजली चले जाने के मामले में बिजली कंपनी से भी जवाब मांगा है।
आप ने की कलेक्टर को हटाने की मांग
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से प्रत्याशी आलोक अग्रवाल ने स्ट्रांग रूम की लाइट लंबे समय तक बंद रहने पर भोपाल कलेक्टर को हटाने की मांग की है। उन्होंने साजिश की आशंका जताई है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव काम में लगे सभी जिम्मेदार अधिकारियों से अपील की है कि वे मतगणना तक निष्पक्षता का आचरण करें। हमें मतदान के दौरान कुछ अधिकारियों की गड़बड़ी की शिकायत मिली है।