भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच दिसंबर को कैबिनेट की बैठक बुला ली है। मंत्रालय में सुबह 10:30 बजे प्रस्तावित इस बैठक को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए इसे गैर जरूरी बताया है और आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव से मिलकर शिकायत करेगी।
Congress will start a political debate on convening, Congress will express objection, Kantarao
आमतौर पर चुनाव के नतीजे आने के पहले सरकार में कोई बड़ी बैठकें नहीं होती हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने न सिर्फ समीक्षा बैठक कर ली, बल्कि कैबिनेट की बैठक भी बुला ली। पांच दिसंबर को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक होगी। इसमें यूं तो कोई नीतिगत निर्णय नहीं होना है पर कोई ऐसा तात्कालिक मुद्दा नहीं है, जिसके लिए कैबिनेट बैठक बुलानी पड़े। कांग्रेस ने इसी आधार पर आपत्ति उठाई है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि चुनाव परिणाम आने से पहले इस तरह का कदम उठाना गैर जरूरी है। मंत्रालय में मुख्यमंत्री ने शनिवार को जो बैठक की थी, उसकी भी कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि आचार संहिता प्रभावी रहने तक कोई भी निर्णय सरकार बिना चुनाव आयोग की अनुमति नहीं ले सकती है।
प्रदेश प्रवक्ता जेपी धनोपिया का कहना है कि यह एक प्रकार से प्रशासनिक मशीनरी को प्रभावित करने का प्रयास है, जो चुनाव आयोग के निदेर्शों के विपरीत है। इसको लेकर सोमवार को शिकायत दर्ज कराकर कैबिनेट बैठक की अनुमति नहीं देने की मांग की जाएगी। उधर, बैठक से पहले शासन को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।