जेएनयू में जबरन घुसी रैली, सिक्यूरिटी पर उठे सवाल, छात्रों ने किया प्रदर्शन

0
205

नई दिल्ली। ‘सौगंध राम की खाते हैं, हम मंदिर भव्य बनाएंगे’ नारे के साथ बुधवार सुबह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में एक रैली अंदर घुसी। सिक्यूरिटी का कहना है कि इसे लेकर उन्हें कोई सूचना नहीं थी। जेएनयू प्रशासन ने इसे लेकर चुप्पी साधी हुई है। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन ने इसके खिलाफ शिकायत दी है। उनका कहना है कि जिस सिक्यॉरिटी का बजट पिछले दो साल में 89% बढ़ा है और 17 करोड़ का खर्च किया जा रहा है, जिसमें से बड़ा हिस्सा प्राइवेट एजेंसी को दिया जाता है। बावजूद इसके सांप्रदायिक नारे लगाकर हंगामा करने वाली रैली को अंदर घुसने दिया गया। सिक्यॉरिटी आॅफिस के बाहर स्टूडेंट्स ने देर शाम प्रदर्शन भी किया।
JNN rally in JNU, questions on security, students performed
जेएनयू के स्टूडेंट्स का कहना है कि बुधवार सुबह 9 से 10 बजे के बीच कैंपस में एक रैली अंदर पहुंची। इसमें एक ट्रक, पांच कारें और 15 से 20 बाइक्स शामिल थीं। सभी के हाथ में केसरिया रंग के झंडे थे और वे नारे लगा रहे थे। ट्रक के पीछे मंदिर भव्य बनाएंगे का नारा और 9 दिसंबर को होने वाली विराट धर्म सभा की जानकारी थी। विश्व हिंदू परिषद के बैनर के साथ इस रैली में रामलीला मैदान में होने वाली धर्म सभा में शामिल होने की अपील थी। इस रैली के विडियो भी स्टूडेंट्स ने बनाए हैं।

जेएनयूएसयू के प्रेजिडेंट एन साई बालाजी ने इसे लेकर वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को शिकायत दी है। बालाजी का कहना है कि इस रैली ने जेएनएयू की सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाला है। कैंपस के अंदर करीब 15000 लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि गार्ड्स ने बताया कि इन लोगों को रोका गया मगर वे हल्ला करके और धक्का मारकर अंदर घुस गए। यह आश्चर्य की बात है कि सिक्यॉरिटी की ओर से पुलिस को कोई खबर नहीं दी गई। उन्होंने खुद पुलिस स्टेशन जाकर इसकी जानकारी दी। बालाजी का कहना है कि जेएनयू सिक्यॉरिटी इन्चार्ज का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, जो हैरत की बात है।

प्रशासन हर छोटी बात पर यूनियन की शिकायत पुलिस को करता है मगर अभी एक्शन की बात तक नहीं कर रहा। जेएनयूएसयू की वाइस प्रेजिडेंट सारिका चौधरी कहती हैं, जो जी4एस सिक्यॉरिटी स्टूडेंट्स के आईडी बार-बार चेक करती है, उसने आरएसएस के इन लोगों के जुलूस को नहीं रोका। जेएनयू के वीसी, रजिस्ट्रार और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।