चुनावी हार से फूटा भाजपा नेताओं का गुस्सा, कहा-भितरघात और एससी-एसटी एक्ट बना हार का कारण

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भोपाल। विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के हफ्तेभर बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और मोर्चा-प्रकोष्ठ के प्रमुखों की बैठक हुई। बैठक का एजेंडा तो लोकसभा चुनाव से पहले कई कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर था, लेकिन इसमें चुनावी हार को लेकर नेताओं का आक्रोश फट पड़ा।
BJP leader’s anger foiled by electoral defeat, said-cause of losing weight due to Bhitraghat and SC-ST act
किसी ने कहा कि पिछले 15 साल से सत्ता में होने के कारण एंटी इन्कम्बेंसी थी तो किसी ने एट्रोसिटी एक्ट की नाराजी को हार का कारण बताया। कुछ ने कहा कि भितरघात ने भी पार्टी के प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाया। प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले चिन्हित कर ऐसे भितरघातियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रदेश पदाधिकारी एवं मोर्चा अध्यक्षों की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की गई। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हमारी पूरी टीम आत्मविश्वास के साथ लबरेज है। आने वाले चुनाव में पूरी सक्रियता के साथ हम जनता के बीच पहुंचेंगे, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुन: एनडीए की सरकार बने पर इससे पहले नेताओं ने विधानसभा चुनाव में मिली हार का मुद्दा छेड़ दिया।

तभी प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि कोई भी पदाधिकारी किसी का नाम लेकर शिकायत नहीं करेगा। इसके बाद नेताओं ने हार के जो कारण गिनाए, उसमें सबसे ज्यादा लोगों ने एट्रोसिटी एक्ट को जिम्मेदार माना। नेताओं ने कहा कि इस वजह से सवर्ण वर्ग ने भाजपा को वोट नहीं दिया।

जयस की भूमिका भी अहम
भाजपा नेताओं ने आदिवासी क्षेत्रों में जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन ‘जयस” को भी जिम्मेदार बताया। नेताओं ने कहा कि जयस के जरिए भाजपा के खिलाफ वैचारिक अभियान चलाया गया।