जेटली का कांग्रेस पर तंज, कहा- क्या इंटरसेप्शन के बिना एनआईए द्वारा टेररिस्ट मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई संभव थी

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आतंकविरोधी हालिया अभियान का सहारा लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। जेटली ने सवाल किया कि क्या इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के इंटरसेप्शन के बिना एनआईए द्वारा टेररिस्ट मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई संभव थी? बता दें कि एनआईए ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ की मदद से आईएस के एक टेरर मॉड्यूल को ध्वस्त किया है।
Jaitley’s tan on Congress, said- what was possible by NIA against the terrorism module without interception
जेटली ने इस काम के लिए एनआईए की तारीफ करते हुए इसका इस्तेमाल आईटी ऐक्ट के तहत गृह मंत्रालय के हालिया फैसले पर उपजे विवाद के बाद कांग्रेस पर तंज कसने के लिए किया। बता दें कि केंद्र सरकार ने कुछ एजेंसियों को यह अधिकार दिया है कि वे इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर डेटा को खंगाल सकती हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने इसे निजता पर वार कह, इस फैसले की आलोचना की है।

वित्त मंत्री जेटली ने गुरुवार को ट्वीट कर एनआईए के छापे के बहाने पलटवार किया। जेटली ने लिखा कि सर्वाधिक इंटरसेप्ट यूपीए शासन में हुआ था। जेटली ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है। जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता केवल मजबूत लोकतांत्रिक देश में सुरक्षित रहेगी, आतंकी प्रभुत्व वाले देश में नहीं।’

बता दें कि पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय के आदेश को लेकर विवाद हुआ था। कांग्रेस और विपक्ष के हमले के जवाब में तब बीजेपी ने कहा था कि यूपीए सरकार के दौरान औसतन हर महीने 9000 टेलिफोन कॉल्स और 500 ईमेलों की निगरानी हुई थी। अब जेटली ने आतंक के मॉड्यूल पर एनआईए के नए खुलासे के बहाने इंटरसेप्शन को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए विपक्ष को घेरने की कोशिश की है।