वाराणसी। बुलंदशहर हिंसा के मामले में आखिकार 31 दिन बाद पुलिस ने बुधवार रात योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया। योगेश राज को इस घटना का मुख्य आरोपी बताया जाता रहा है। हालांकि वाराणसी दौरे पर पहुंचे यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि योगेश राज इस मामले का मुख्य आरोपी नहीं था। बता दें कि बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज घटना वाले दिन से ही फरार था। योगेश की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी। योगेश पर हिंसा भड़काने का आरोप है।
UP DGP on bulandshahr violence, said – Yogesh Raj is not the main accused
वाराणसी में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, ‘योगेश को गिरफ्तार करने के बाद इस मामले में पूछताछ की गई है और उसे जेल भेज दिया गया है। पर, वह इस मामले का मुख्य आरोपी नहीं था।’ इस दौरान डीजीपी ने छुट्टा पशुओं के मामले में भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कहीं भी किसी को भी स्ट्रे कैटल (छुट्टा पशुओं) को काटने नहीं देंगे। इसके लिए पूरी तैयारी करने के साथ सभी पुलिस अधिकारियों से लेकर थानाध्यक्षों तक को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
छुट्टी पशुओं को काटा नहीं जा सकता
डीजीपी ने कहा कि छुट्टा पशुओं के लिए जो नियम बनाए गए हैं उसका पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। नियमानुसार छुट्टा पशुओं को काटा नहीं जा सकता है। इस मौके पर प्रदेश में अपराध बढ़ने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि दहेज हत्या को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार में कमी आई है। हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन अपराध भी कम हुए हैं। उन्होंने बताया कि सूबे में डकैती की घटनाओं में 44 फीसदी की कमी आई है।
31 आरोपियों की गिरफ्तारी
बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर हिंसा भड़की थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत 2 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस अब तक बुलंदशहर हिंसा के 31 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।