कांग्रेस यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी में, सपा-बसपा गठबंधन में नहीं होगी शामिल!

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लखनऊ। साल 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटी है। दरअसल, हाल ही में तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत ने पार्टी के लिए चुनाव से ठीक पहले मोटिवेशनल टॉनिक का काम किया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन में शामिल होना, कांग्रेस को घाटे का सौदा नजर आ रहा है।
Congress will not be included in SP-BSP coalition alone in preparation for contesting elections in UP alone!
माना जा रहा है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन में शामिल होने पर कांग्रेस को शायद ही उसकी उम्मीद के मुताबिक सीटें मिल पाएं। हालांकि, ऐसी भी खबरें हैं कि मायावती और अखिलेश यादव यूपी में गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करना चाहती है।  कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में सीटों के गणित को देखते हुए कांग्रेस ने यूपी के रण में अकेले ही उतरने का मन बनाया है।

गौरतलब है कि यूपी में एसपी-बीएसपी महागठबंधन के मद्देनजर शुक्रवार को एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीएसपी चीफ मायावती से दिल्ली में मुलाकात की थी। बता दें कि कांग्रेस के शक्ति प्रॉजेक्ट के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर सभी जिलाध्यक्षों से बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों का पूरा ब्योरा मांगा गया है। यह ब्योरा हर हाल में 10 जनवरी तक जिला और नगर अध्यक्षों को प्रदेश नेतृत्व की वेबसाइट पर अपलोड करना है।

जिले से बूथ स्तर तक का ब्योरा
केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर प्रदेश के संगठन प्रभारी सतीश अजमानी से यूपी के सभी जिला और नगर अध्यक्षों से उनकी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ ब्लॉक और वॉर्ड स्तर की कमिटी और बूथ स्तर तक की कमिटी की जानकारी मांगी है। जिला और नगर अध्यक्षों को भेजे गए पत्र के साथ तीन प्रोफार्मा भी भेजे गए हैं। इनमें एक प्रोफार्मा जिला व नगर कार्यकारिणी का, दूसरा वॉर्ड या ब्लॉक कमिटी का और तीसरा बूथ स्तर की कमिटी का है।

वोटर आईडी नंबर भी जुटा रही कांग्रेस
कांग्रेस नेतृत्व इससे पहले जिला नगर अध्यक्षों के जरिए हर बूथ पर सक्रिय 10 कांग्रेस कार्यकतार्ओं की जानकारी जुटा रहा है। पिछले महीने यानी 2018 के दिसंबर महीने में अध्यक्षों को टास्क दिया गया था कि बूथ स्तर के कम से कम 10 पदाधिकारियों की जानकारी उनकी वोटर आईडी नंबर सहित पीसीसी को मुहैया करवाई जाए।

पार्टी नेताओं की मानें तो 15 जनवरी तक यह ब्योरा भी पीसीसी के पास इकट्ठा हो जाएगा। वोटर आईडी नंबर और मोबाइल फोन के जरिए कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सीधे बूथ स्तर के कार्यकर्ता के संपर्क में होगा। प्रदेश कांग्रेस महासचिव और लखनऊ प्रभारी विनोद मिश्रा के मुताबिक अगले महीने से राहुल गांधी की यूपी में लगातार रैलियां होने जा रही हैं।