आयकर विभाग की कार्रवाई: बर्खास्त आईएएस अरविंद जोशी की सवा सौ करोड़ की जमीन अटैच

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भोपाल । बर्खास्त आईएएस अफसर अरविंद जोशी की सवा सौ करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की 220 एकड़ जमीन आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति शाखा ने अटैच की है। यह जमीन रायसेन और भोपाल जिले के विभिन्न ग्रामों में है। विभाग ने जोशी को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है।
Income Tax Department’s Action: Sacked IAS Arvind Joshi’s Land Acquisition
वहीं विभाग की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी का फैसला आने के बाद जोशी और उनके परिजनों के नाम आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल से ली गईं 33 बीमा पॉलिसी भी शाखा ने स्थाई रूप से अटैच कर ली हैं। यह पॉलिसी करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की हैं। आयकर ने अरविंद जोशी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए जोशी और उनके परिजनों, रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गई 220 एकड़ जमीन मंगलवार को अस्थाई रूप से अटैच की है। जमीन का बाजार मूल्य तकरीबन सवा सौ करोड़ रुपए बताया जा रहा है। यह भूमि रायसेन जिले के खरबई, भोपाल के मेंडोरी सहित अन्य गांवों में है। इसमें से सौ एकड़ भूमि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अटैच कर रखी हैं।

अथॉरिटी ने विभाग के पक्ष में सुनाया फैसला
विभाग ने जोशी और उनके रिश्तेदारों के नाम से वर्ष 2003-04 में ली गईं 33 बीमा पॉलिसी स्थाई रूप से अटैच कर ली हैं। अथॉरिटी का फैसला आने के बाद इसे बेनामी संपत्ति की श्रेणी में रखकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग ने नवंबर 2017 में यह पॉलिसी अस्थाई रूप से अटैच की थीं। इसके खिलाफ जोशी ने अथॉरिटी में अपील की। इस पर हाल ही में अथॉरिटी ने अपना फैसला सुनाया है, जो विभाग के पक्ष में है। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक के करीब 33 लोग फंसे हैं। अब विभाग इन लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। विभाग इनमें से कुछ लोगों को सरकारी गवाह भी बना सकता है।

ऐसे जमा होती थी राशि
जोशी और उनके परिजनों की बीमा राशि आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल के लगभग 18 कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले चेक और डिमांड ड्राफ्ट से जमा होती थी। सूत्र बताते हैं कि कंपनी की अधिकारी सीमा जायसवाल ने सभी पॉलिसी दी थीं और वही कंपनियों के कर्मचारियों के बैंक खातों में राशि जमा कर उनके चेक या डिमांड ड्राफ्ट लेकर बीमा की किस्त जमा करवाती थीं। मामले में विभाग ने संबंधित कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें से कुछ कर्मचारियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी होने से इनकार किया है। इसे देखते हुए संबंधित कर्मचारियों को मामले में गवाह बनाया जा सकता है। मामले में सीमा जायसवाल को भी आरोपी बनाया जा रहा है।