आम चुनाव में बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, पूर्व आरबीआई गवर्नर निभाएंगे अहम भूमिका

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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी आम चुनाव में लोगों के बीच रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। मोदी सरकार के पांच वर्षों के कामकाज की सबसे बड़ी विफलता के रूप में रोजगार के मुद्दे को पेश करते हुए पार्टी अपने घोषणा पत्र में विस्तार से रोडमैप पेश करेगी कि रोजगार कैसे और किस तरह पैदा करेंगे? इसके लिए पार्टी विजन डॉक्युमेंट बना रही है, जिसमें रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अहम भूमिका बना रहे हैं। दरअसल, उन्होंने एक डीटेल रिपोर्ट इस संबंध में बनाई है, जिसका उपयोग पार्टी करेगी।
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हालांकि रघुराम राजन पार्टी में शामिल होंगे या कोई भूमिका होगी या नहीं, अभी इस बारे में कुछ भी नहीं बताया जा रहा है। पार्टी के एक सीनियर नेता ने स्वीकार किया कि उन्होंने रोजगार के बारे में एक डीटेल रिपोर्ट दी है जिसे कांग्रेस के घोषणा पत्र में जगह दी जा सकती है। आपको बता दें कि रघुराम राजन की विवादित स्थिति में रिजर्व बैंक से विदाई हुई थी। वह पूर्व में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कई बार सार्वजनिक आलोचना कर चुके हैं। वह मोदी सरकार के दौरान 2016 में हुए नोटबंदी के भी कटु आलोचक रहे हैं। अब रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस को अपनी रिपोर्ट देने के बाद पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

रोजगार पर राहुल करेंगे देशभर में टाउन हॉल प्रोग्राम
कांग्रेस के सीनियर नेता और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने एनबीटी को बताया कि रोजगार निश्चित तौर पर सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा और पार्टी इसके लिए हर सुझाव को शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर देश के अलग-अलग हिस्से में टाउन हॉल प्रोग्राम करेंगे जो पार्टी के कैंपेन का अहम हिस्सा होगा। ऐसे करीब एक दर्जन कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी की तरह दो करोड़ रोजगार देने जैसी कोरी घोषणा नहीं करेगी बल्कि वह रोजगार को किस तरह और कैसे पैदा करेगी, इस बारे में साफ-साफ रोडमैप होगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के घोषणा पत्र में खासकर असंगठित क्षेत्र में रोजगार को सबसे अधिक हाइलाइट किया जाएग।

कई कमिटी भी काम कर रही है घोषणा पत्र पर
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने लंबी-चौड़ी मेनिफेस्टो कमिटी बनाई है, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जैसे आर्थिक विषयों के जानकार को अध्यक्ष बनाया है। इसमें सैम पित्रोदा और शशि थरूर जैसे एक्सपर्ट भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। कांग्रेस ने मेनिफेस्टो को लेकर लोगों के बीच फीडबैक लेने की कवायद भी शुरू कर दी है।

पार्टी का दावा है कि उसे बहुत सारे फीडबैक मिल रहे हैं। इस बार कांग्रेस का सारा फोकस रोजगार और किसानों पर है। बताया जाता है कि कांग्रेस ने देश के 160 शहरों में लोगों के बीच जाकर संवाद करने की योजना बनाई थी। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की ओर से अब तक 120 शहरों में फीडबैक लेने का काम पूरा हो चुका है। पार्टी ने इसके लिए 41 मुद्दे चुने हैं, जिन्हें 23 ग्रुप्स में समेटा गया है। हर कमिटी का एक संयोजक है। कमिटी से जुड़े भालचंद मुंगेकर ने दावा किया कि ऐसा पहली बार होगा कि देश में कोई दल बंद कमरों के साथ-साथ खुले में लोगों के साथ मीटिंग कर रहा है और फीडबैक ले रहा है।