राकेश दुबे
Organic or non-organic food is cheap and accessible
यह लेख स्वीडन की चामर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित है जिसमें वर्ष २०१३ से लेकर २०१५ तक के फसल उपज संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन में कहा गया है कि ऑर्गेनिक खेती के लिए अधिक जमीन की जरूरत होने से इसका पर्यावरणीय प्रभाव सामान्य खेती की तुलना में अधिक प्रतिकूल होता है।निस्संदेह, ऑर्गेनिक खेती के दौरान होने वाला प्रत्यक्ष कार्बन उत्सर्जन परंपरागत खेती से आम तौर पर अधिक होता है लेकिन कुल जलवायु पर इसका प्रभाव कहीं अधिक होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसकी वजह यह है कि ऑर्गेनिक खेती में अधिक जमीन की जरूरत पड़ती है जो अप्रत्यक्ष रूप से वनों को अधिक नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने अपने अध्ययन में यह पाया है कि ऑर्गेनिक तरीके से मटर उपजाने में जलवायु को सामान्य तरीके की तुलना में ५० प्रतिशत अधिक नुकसान उठाना पड़ता है। गेहूं के मामले में तो यह अंतर ७० प्रतिशत तक होता है।
ऑर्गेनिक एवं गैर-ऑर्गेनिक फूड के स्वाद में कोई खास फर्क नहीं होता है। अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक दोनों तरह से उपजे खाद्य उत्पादों के स्वाद में अंतर कुछ लोग ही बता पाते हैं। अमेरिकी सरकार के मुताबिक, ‘स्वाद एक व्यक्तिपरक एवं व्यक्तिगत सोच का मामला होता है।’ ऑर्गेनिक खेती के गुण-दोष को परे रख दें तो पादप वैज्ञानिकों की सामान्य धारणा यही है कि पूरी तरह से रसायन-मुक्त खेती कर पाना अब मुमकिन नहीं रह गया है। भारत समेत कई देशों में हरित क्रांति के अग्रदूत रहे और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित महान कृषि विज्ञानी नॉर्मन ई बोरलॉग अक्सर यह कहा करते थे कि भूख की समस्या केवल ऑर्गेनिक खेती से हल नहीं की जा सकती है। अगर जरूरत का समूचा खाद्य पदार्थ ऑर्गेनिक तरीके से ही पैदा होना है तो इसके लिए अधिक जमीन की जरूरत होगी |
गैर-ऑर्गेनिक खेती में खाद और जहरीले कीटनाशकों का बिना सोचे-समझे इस्तेमाल किया जाता है। सावधानियों को दरकिनार करते हुए खाद और कीटनाशकों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसी तरह से इस बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके तो आधुनिक खेती को लेकर जताई जाने वाली तमाम आपत्तियों को दूर किया जा सकता है। हालांकि इस पूरी दलील का मकसद ऑर्गेनिक खेती को कमतर बताना नहीं है। इसमें कई सकारात्मक पहलू हैं। खासकर मिट्टी के जैविक एवं सूक्ष्म-पोषक गुणों को संरक्षित करने में ऑर्गेनिक खेती अधिक मुफीद है।