कर्मचारियों की निर्धारित राशि जमा नहीं करने पर संस्थानों पर ईपीएफओ कसेगा शिकंजा, थमाए नोटिस

0
259

भोपाल। मध्यप्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे संस्थान हैं जो कर्मचारियों के भविष्य निधि अकाउंट में अपने हिस्से का अंशदान जमा नहीं कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी नियोक्ताओं के नाम सामने आए हैं जो कर्मचारियों के की निर्धारित से बहुत कम राशि जमा करा रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ऐसे संस्थानों को चिन्हित कर नोटिस थमा दिए हैं। अगले सप्ताह से उन पर छापामारी की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
EPFO KVKgaon, institutes notices on institutions not depositing the fixed amount of employees
प्रदेश में ईपीएफओ द्वारा चिन्हित किए गए ऐसे नियोक्ता हजारों की संख्या में हैं। केवल भोपाल कमिश्नरेट में ही डेढ़ हजार से ज्यादा नियोक्ताओं ने अपने कर्मचारियों का अंशदान ईमानदारी से सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया। ईपीएफओ ने ऐसे संस्थानों को भविष्य निधि अधिनियम की धारा 7(ए) के तहत नोटिस और कार्रवाई की चेतावनी दी है। नोटिस में 12 फीसदी ब्याज और 25 फीसदी जुमार्ने के अलावा अदालती प्रकरण दर्ज (अभियोजन) कराने की चेतावनी दी गई है।

कर्मचारियों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा से खिलवाड़ और सरकारी खजाने का पैसा समय पर जमा नहीं करने को नियमों का गंभीर उल्लंघन माना गया है। इसको लेकर भविष्य निधि बोर्ड और श्रम मंत्रालय ने सख्ती शुरू कर दी है। ईपीएफओ द्वारा नियोक्ताओं को जारी निर्देश में कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी यदि एक दिन भी काम करता है तो भी उसकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों का अंशदान जमा नहीं करने और तय राशि से कम राशि जमा करने की शिकायतें सामने आईं हैं। पीएफ अंशदान जमा नहीं करने पर विभाग ने अभी नोटिस देकर जवाब मांगा है। साथ ही तुरंत ही सभी कर्मचारियों का अंशदान जमा कराने का अल्टीमेटम दिया है।

ईपीएफओ का कहना है कि इनमें से कुछ संस्थान ऐसे भी हैं जिनके यहां तीन महीने से लेकर साल भर से ज्यादा समय से कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन उनका पीएफ अंशदान जमा नहीं किया जा रहा है। इन नियोक्ताओं से अंशनिधि पर जुमार्ना और ब्याज की राशि भी निकाली जा रही है। अगले चरण में भोपाल कमिश्नरेट के डिफाल्टर नियोक्ताओं पर छापे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

डिफाल्टर चिन्हित, शुरू होगी कार्रवाई
कमिश्नरेट में डेढ़ हजार से अधिक ऐसे डिफाल्टर नियोक्ताओं और संस्थानों को चिन्हित किया गया है जिन्होंने कर्मचारियों का अंशदान जमा नहीं किया। इनके खिलाफ भविष्य निधि अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की जा रही है।
– एसके सुमन, क्षेत्रीय कमिश्नर, ईपीएफओ, भोपाल