नई दिल्ली। हर चुनाव से पहले ईवीएम पर यूं तो राजनीतिक दलों की ओर से सवाल उठते रहे हैं। अब लंदन में एक भारतीय हैकर ने न सिर्फ यह आरोप लगाया है बल्कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत का श्रेय भी खुद ले लिया है। उसने दावा किया है कि उसकी टीम ने इन राज्यों में कांग्रेस को बचा लिया। अमेरिका में राजनीतिक शरण लिए हुए भारतीय हैकर सैयद शुजा ने लंदन में चल रही हैकथॉन में यह दावा किया है।
Now the cyber expert of London claimed: – In the 2014 election the EVM was hacked
स्काईप के जरिये पत्रकारों से बात करते हुए उसने कहा कि ईवीएम की हैकिंग हो सकती है। उसने 2014 के लोकसभा चुनाव को भी हैक्ड बताया है। शुजा ने कहा कि हाल में संपन्न राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव भी भाजपा जीत जाती, लेकिन उसकी टीम ने हैकिंग की कोशिशों को नाकाम कर दिया।
उसने कहा कि दूरसंचार कंपनी रिलायंस जिओ कम फ्रीक्वेंसी वाले सिग्नल के जरिये हैकिंग में भाजपा की मदद करती है। हालांकि, अपने दावे के समर्थन में उसने कोई सबूत नहीं दिया। यहां यह भी बताते चलें कि 2014 में रिलायंस जिओ का गठन नहीं हुआ था। इस कंपनी को पांच सितंबर, 2016 को लांच किया गया था।
हैकर के दावे पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। मशीन तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में ही तैयार होती है। लंदन में हैकिंग को लेकर आयोजित कार्यक्रम को चुनाव आयोग ने प्रायोजित करार दिया है। आयोग ने हैकर के दावों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात कहते हुए ईवीएम को छेड़छाड़ से मुक्त करार दिया है।
आयोग ने एक बार फिर से अपनी इस बात को दोहराया है कि वर्ष 2010 में ही आयोग ने मशीनों की गुणवत्ता जांचने परखने के लिहाज से एक तकनीकी समिति का गठन किया था। सभी मशीनें इस समिति की देखरेख में ही बनती हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाता है। यह निर्माण बेहद कठोर निगरानी और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए होता है।
कपिल सिब्बल की मौजूदगी पर सवाल
हैकथॉन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने उन्हें वहां भेजा है। वहीं कांग्रेस ने सफाई दी कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस की कोई भागीदारी नहीं है। न ही इससे कोई सरोकार है। कपिल सिब्बल साफ कर चुके हैं कि वे निजी निमंत्रण पर वहां गए हैं।