भोपाल। कमलनाथ सरकार किसानों का कर्ज माफ करने से पहले फर्जी मामलों की जांच करेगी। सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सहकारिता विभाग बैठक बुला रहा है। जाली किसानों के नाम पर लिए गए मामलों की जांच के लिए हर जिले में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। जय किसान ऋण माफी योजना लागू होने के बाद लगातार शिकायतें आ रही हैं कि प्रदेश में पूर्व सरकार के दौरान ऋण वितरण में काफी धांधली की गयी। किसानों के नाम पर किसी और ने लोन ले लिया।
The government will examine the fake cases before farmers loan, every district will be made in the control room
उन किसानों के नाम पर लोन लिया गया जिस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। कर्जमाफी का लाभ जिन किसानों को दिया जाना है,उनके नाम की लिस्ट पंचायत दफ्तरों के बाहर चस्पा की जा रही हैं। लिस्ट लगते ही सैकड़ों फर्जी नाम नजर में आए और लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराना शुरू किया।
सीएम कमलनाथ ने इन आपत्तयों को गंभीरता से लिया और वहीं से आदेश दिया कि इस धांधली की जांच की जाए। सीएम के निर्देश पर सहकारिता विभाग के प्रमुथ सचिव ने बैठक बुलायी। इसमें फैसला लिया गया कि हर जिÞले में कंट्रोल रूम बनाए जाएं जिसमें जय किसान फसल ऋण माफी योजना के फर्जी मामलों की आपत्तियों की सुनवाई की जाए।
हर जिले में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे और सारी शिकायतों की जांच की जाएगी। कलेक्टर राजस्व, कृषि, सहकारिता विभाग के अफसरों का जांच पैनल तैयार करेंगे। कंट्रोल रूम के टेलिफोन नंबर जारी किए जाएंगे, जिसमें लोग अपनी शिकायत या आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। सहकारिता विभाग को सीधे भी जानकारी दी जा सकेगी। हर मामले की जांच 10 दिन में पूरी कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। प्रदेश में अब तक ग्वालियर, झाबुआ, खरगोन, सागर, छतरपुर, जबलपुर, सिवनी, सीधी और सतना में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं।