जींद/रामगढ़। हरियाणा में जींद और राजस्थान के रामगढ़ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। ये आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी उपचुनाव हैं। ऐसे में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए ये उपचुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन चुके हैं। दोनों सीटों पर नतीजे 31 जनवरी को घोषित किए जाएंगे। जींद में इनेलो विधायक डॉ. हरिचंद मिड्ढा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। इसमें कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला तो बीजेपी ने हरिचंद के बेटे कृष्ण मिड्ढा को टिकट दिया है।
Jind-Ramgarh bypoll: Voting continues, the prestige of the contestants in the field at stake
यह उपचुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि यहां के चुनाव नतीजे अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश के मतदाताओं का मिजाज बताने में सहायक साबित होंगे। यह चुनाव मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की राजनीतिक साख, देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला की पारिवारिक विरासत तथा कांग्रेस की सत्ता में वापसी के सवालों का जवाब देंगे।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद कांग्रेस अपने विजय रथ को जारी रखना चाहती है। इसीलिए उसने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के महारथी रणदीप सिंह सुरजेवाला के मैदान में उतार दिया। इससे यह उपचुनाव दिलचस्प हो गया है। जींद की सीट इनेलो के पास थी। इनेलो के विधायक हरि चंद के निधन से खाली हुई इस सीट पर बीजेपी ने उनके बेटे कृष्ण मिड्ढा को उम्मीदवार बनाया। बीजेपी एक बार फिर मोदी और शाह के करिश्माई नेतृत्व के बलबूते यहां भी जीत हासिल करने की फिराक में है।
ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की कमान अपने बेटे अभय चौटाला के सुपुर्द कर दी तो अजय ने नई जननायक जनता पार्टी बना ली। इसके बाद अजय चौटाला के छोटे बेटे दिग्विजय ने पार्टी बनने के बाद जींद उपचुनाव से उतरकर दादा देवीलाल की विरासत पर अपना दावा भी ठोंक दिया। कप-प्लेट चुनाव चिह्न लेकर वह इनेलो के खिलाफ मैदान में हैं। इनेलो की तरफ से उमेद सिंह रेढू चुनाव लड़ रहे हैं।