नई दिल्ली। इस साल के अंतरिम बजट में छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने खाते में हर साल 6 हजाए रुपये देने का ऐलान किया है। तीन राज्यों की विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद मोदी सरकार का किसानों को रिझाने के लिए आम चुनाव से पहले का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। हालांकि, इस योजना के जरिए बीजेपी की कोशिश उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन मजबूत करने की भी है। उत्तर प्रदेश में संख्या के अनुसार सबसे अधिक किसान 2 हेक्टेयर (5 एकड़) से कम जमीन वाले हैं। केरल वह राज्य है जहां के किसानों की आबादी के अनुपात में सबसे बड़ा फायदा मिलेगा। केरल के 99% के करीब किसान ऐसे हैं जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है।
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उत्तर प्रदेश के किसानों को सबसे अधिक लाभ
शुक्रवार को इनकम सपॉर्ट प्रोग्राम (पीएम-किसान) के तहत सरकार ने 5 एकड़ से कम स्वामित्व वाले किसानों के बैंक अकाउंट में हर साल 6 हजार रुपये जाएंगे। यह रकम तीन किस्तो में जाएगी। माना जा रहा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार देखें तो इस योजना का लाभ लेने वाले 50% किसान 5 राज्यों से हैं। इनमें सबसे अधिक किसान (2.21 करोड़) किसान उत्तर प्रदेश के हैं और उसके बाद बिहार का नंबर है।
लाभार्थी 50% किसान 5 राज्यों के
बिहार के (1.59 करोड़) किसानों के बाद तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र (1.18 करोड़), मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश (दोनों राज्यों में लगभग 75 लाख किसान) का नंबर है। इन 5 राज्यों में ही योजना के लाभार्थी 12 करोड़ किसानों में से आधे हैं। 80% लाभार्थी किसान 10 राज्यों के हैं और प्रतिशत के हिसाब से केरल का नंबर पहला है जहां 99 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है। प्रतिशत के आधार पर केरल के बाद बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का नंबर है। बिहार और पश्चिम बंगाल को छोड़कर इस लिस्ट में आनेवाले सभी राज्यों में जमीनों का डिजिटल रेकॉर्ड तैयार कर लिया गया है।