मप्र के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला सीबीआई के नए निदेशक बने, दो साल होगा कार्यकाल

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नई दिल्ली। सभी अनुमानों पर विराम लगाते हुए सरकार ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) का नया निदेशक नियुक्त कर दिया। सरकार ने आलोक वर्मा को इस पद से हटाने के कुछ सप्ताह बाद यह नियुक्ति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में सदस्य के रूप में शामिल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने असंतोष जताते हुए प्रधानमंत्री को दो पृष्ठों का अपना असहमति पत्र सौंपा है। नियुक्ति को मंजूरी देने वाली चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी सदस्य के रूप में शामिल थे। सरकार ने कांग्रेस नेता की आलोचना करते हुए कहा है कि पसंद के कुछ अधिकारियों को मौका दिलाने की मंशा से वह चयन मापदंड में हेराफेरी करने के प्रयास में जुटे थे।
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कार्मिक मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आदेश के अनुसार, 1983 बैच के आइपीएस अधिकारी 58 वर्षीय शुक्ला का इस पद पर कार्यकाल दो वर्षो का होगा। मध्य प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार ने शुक्ला को इसी सप्ताह राज्य के पुलिस महानिदेशक पद से हटाया था। मूल रूप से ग्वालियर निवासी शुक्ला अभी भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। सीबीआइ प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा के बाद सरकार और विपक्षी पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

चयन मापदंड में नरमी बरती गई : खड़गे
कांग्रेस नेता खड़गे ने प्रधानमंत्री को भेजे गए असहमति का पत्र में आरोप लगाया है कि कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए चयन मापदंड में नरमी बरती गई है। सीबीआइ का नियमन करने वाले दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम का उल्लंघन किया गया है।

पसंद के अधिकारी को जगह दिलाने में जुटे थे खड़गे : जितेंद्र सिंह
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इसके जवाब में दावा किया है कि कांग्रेस नेता ने पसंद के अधिकारियों को जगह दिलाने की मंशा से मापदंड में हेराफेरी का प्रयास किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चयन समिति में शामिल मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआइ प्रमुख के चयन के लिए लागू होने वाले मापदंड को पूरा समर्थन किया।

दो बार हुई चयन समिति की बैठक
शुक्ला की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब देश की प्रमुख जांच एजेंसी विवादों में घिरी है। इसके प्रमुख का पद वर्मा को 10 जनवरी को हटाए जाने के बाद से खाली पड़ा था। वर्मा को हटाने के समय भी कांग्रेस ने सवाल उठाया था। नए सीबीआइ प्रमुख की नियुक्ति के लिए समिति की दो बैठकें हुई। पहली बैठक 24 जनवरी को हुई, जिसमें किसी भी नाम पर फैसला नहीं हो पाया। दूसरी बैठक शुक्रवार एक फरवरी को हुई जिसके बाद यह फैसला सामने आया।

मध्य प्रदेश के सख्त अधिकारी माने जाते हैं शुक्ला
ऋषि शुक्ला की गिनती मध्य प्रदेश के सख्त, ईमानदार और बगैर किसी दबाव में काम करने वाले पुलिस अफसरों में की जाती है। शिवराज सरकार ने उन्हें जून 2016 में प्रदेश का डीजीपी बनाया था। लेकिन राज्य की नई कमलनाथ सरकार ने उन्हें डीजीपी के पद से हटाकर पुलिस कार्पोरेशन में चेयरमैन बनाया था।