भोपाल सेंट्रल जेल का मिथक: जिस सीएम ने परिसर में रखा कदम, उसकी गई कुर्सी

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भोपाल। मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल परिसर में जाने वाले मुख्यमंत्रियों की कुर्सी अक्सर चली जाती है। चाहे उमाभारती हो, बाबूलाल गौर हो या फिर शिवराज सिंह चौहान। जेल जाने के बाद ये सभी नेता दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन सके। अब जब सीएम कमलनाथ हैं और विभाग उनसे जेल परिसर में बनी ओपन जेल का उद्घाटन कराना चाहता है, तो क्या इस मिथक को कमलनाथ तोड़ पाएंगे या फिर गृहमंत्री से उद्घाटन कराया जाएगा। दरअसल, भोपाल सेंट्रल जेल को लेकर एक मिथक है कि जो भी मुख्यमंत्री जेल परिसर में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए जाते हैं, उनकी कुर्सी चली जाती है या फिर नहीं बचती है। अगली बार वो मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ था, जब सीएम रहते हुए उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान जेल परिसर में होने वाले कार्यक्रमों में गए थे।
bhopaal sentral jel ka mithak: jis seeem ne parisar mein rakha kadam, usakee gaee kursee
अब कांग्रेस की सरकार है और कमलनाथ सीएम। इसी महीने भोपाल सेंट्रल जेल परिसर में बनी ओपन जेल का उद्घाटन होना है। ओपन जेल में पचास कैदियों को परिवार के साथ रहने की व्यवस्था की जा रही है। अभी आठ कैदियों के लिए ओपन जेल में घर बनकर तैयार है और विभाग इन्हीं आठ परिवारों के साथ ओपन जेल का उद्घाटन कराना चाहता है। विभाग सीएम कमलनाथ से उद्घाटन कराने की कोशिश कर रहा है। बकायदा इसके लिए उनकी सहमति भी ली जा रही है। उन्हें विभाग उद्घाटन कार्यक्रम में आने का निमंत्रण भी देगा। लेकिन जेल को लेकर बनी मिथक को लेकर ये संभव नहीं लग रहा है। सीएम के साथ विभाग गृहमंत्री बाबा बच्चन को भी कार्यक्रम में बुलाएगा।

विभाग ने ओपन जेल में रहने वाले कैदियों के लिए भोपाल में ही नौकरी की व्यवस्था की है। तय समय नौकरी करने के बाद वापस कैदी अपने परिवार के पास ओपन जेल में आ जाएंगे। ओपन जेल में कैदियों के रहने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। ये अपने रोजगार के दम परिवार का पालन-पोषण करेंगे। कैंपस में उनके लिए अलग-अलग घर बनाए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मेन गेट पर जेलकर्मी के लिए कमरा भी बनाया गया है। कैंपस में गार्डन के साथ खेलकूद के इंतजाम भी किए गए हैं। जेल प्रशासन ने उन कैदियों को ओपन जेल के लिए चुना है, जिनकी सजा को एक साल बचा है।