नई दिल्ली। ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग कई बार अपनी सफाई दे चुका है। सोमवार को आयोग एक बार फिर आयोग विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात करेगा। आयोग ईवीएम से जुड़े सभी संदेह को दूर करने की कोशिश करेगा ईवीएम को पूरी तरह से सुरक्षित बताने के अपने दावे के पक्ष में आयोग इससे जुड़े सभी पहलुओं के बारे में सभी दलों के नेता से चर्चा करेगा। सूत्रों का कहना है कि आयोग ईवीएम को लेकर एक बड़ा प्रजेंटेशन देगा और इसमें विपक्षी दलों के सभी आरोपों और शंकाओं का जवाब देगा। खराब ईवीएम और ईवीएम में टैंपरिंग के दावों पर भी आयोग सफाई देगा और दोनों के बीच क्या फर्क है, यह समझाने की कोशिश करेगा। चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 1-2% फीसदी ईवीएम चुनाव के दौरान काम नहीं करते, लेकिन टैंपरिंग जैसी कोई घटना कभी नहीं हुई।
eeveeem mein gadabadee ke daavon par chunaav aayog vipaksh ko dega aaj javaab
बैलेट पेपर से जुड़ी समस्या शेयर करेगा आयोग
आम आदमी पार्टी, टीएमसी, बीएसपी समेत कई दल ईवीएम पर संदेह जता चुके हैं और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। आयोग इस पर भी सफाई दे सकता है। चुनाव आयोग पूर्व में भी कई बार कह चुका है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराना पुराने दौर में लौटने की तरह होगा। आयोग का तर्क है कि अब तकनीक हर क्षेत्र में पहले से ज्यादा मजबूती से पैठ बना रहा है। आयोग का यह भी कहना है कि बैलेट पेपर से चुनाव के दौर में 2,000 रद्द वोट हर निर्वाचन क्षेत्र से औसतन मिलते थे। बैलेट पेपर से चुनाव से एक बार फिर बाहुबल और धनबल के हावी होने की भी आशंका रही है। बैलेट पेपर की गिनती भी मुश्किल है और इसमें अधिक वक्त लगता है।
पूरी तरह से एरर-फ्री हैं ईवीएम
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , ‘चुनाव के दिन जिन भी ईवीएम में खराबी की खबर आती है, उन्हें तुरंत पूरी तरह से सुरक्षित मशीनों से बदल दिया जाता है। ईवीएम प्रयोग में आज तक कभी गलत वोटों की गिनती की शिकायत दर्ज नहीं की गई है।’ ईवीएम हैक के दावों पर भी आयोग कई बार सफाई दे चुका है। आयोग का कहना है कि ईवीएम अलग मशीन हैं और यह किसी वायरलैस तार आदि से नहीं जुड़े हैं। इसलिए इसे किसी अन्य नेटवर्क से हैक करना संभव नहीं है।