नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। ब्रिटेन के गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह जानकारी ब्रिटिश गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री साजिद जावेद ने तीन फरवरी को सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। माल्या के पास अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का समय है। भारत ने ब्रिटिश सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
India’s diplomatic victory: Mallya will come to India, Britain clears extradition
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हमें माल्या के भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर ब्रिटेन के गृह मंत्री द्वारा हस्ताक्षर करने की जानकारी मिली है। हम ब्रिटिश सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। इसके साथ ही हम उसके प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया के जल्द पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
बड़ी कूटनीतिक जीत
माल्या को लाया जाना भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी, क्योंकि ब्रिटेन के प्रत्यर्पण संबंधी कानून विश्व में सबसे कठोर माने जाते हैं। यही वजह है कि अभी तक वहां रह रहे कई भारतीय अपराधियों को देश नहीं लाया जा सका है। अगर माल्या का प्रत्यर्पण हो जाता है तो एक अन्य आर्थिक अपराधी नीरव मोदी को भी भारत वापस लाने की राह खुल सकती है। किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। 10 दिसंबर, 2018 को लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 63 वर्षीय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि वह भारत सरकार की ओर से दिए गए आश्र्वासनों से संतुष्ट है, जिसमें जेल की एक सेल का वीडियो भी शामिल था।
कोर्ट का फैसला मंत्री के पास गया था
दरअसल, प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री के पास भेजा गया था क्योंकि माल्या के प्रत्यर्पण आदेश को जारी करने का अधिकार उनके पास ही है। ब्रिटेन में रह रहे शराब कारोबारी पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर है। ऐसा लगता है कि माल्या को अपने खिलाफ कार्रवाई का कुछ दिन पहले ही अहसास हो गया था। इसी वजह से उसके सुर बदले थे।