नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए हैं। इसके बाद पूरे देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ रोष है और हर हिंदुस्तानी शहीदों का बदला लेना चाहता है। भारत सरकार भी इस बार पाकिस्तान को छोड़ने के मूड में नहीं है। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि शहीदों के खून की एक-एक बूंद का हिसाब लिया जाएगा। भारत पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेर रहा है। इसी कूटनीति के तहत पहले भारत ने पाकिस्तान को दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया और अब पाकिस्तान से आने वाले सामान पर 200 फीसद टैक्स लगा दिया है। पहले से आर्थिक कंगाली झेल रहे पाकिस्तान की कमर भारत के इस कदम से और टूट जाएगी। अरबों रुपए का छुआरा बॉर्डर से वापिस लौट रहा है।
The effect of the Pulwama attack: 200 per cent tax on Pakistani goods, loss of 80 crore per day, businessman Halakan
छुआरे से लदे सैंकड़ों ट्रक भारत पाक सीमा पर खड़े हैं। करोड़ों रुपए की चीनी के ट्रक भी वापस हो रहे हैं। अनुमान है कि इससे पाकिस्तान को रोजाना करीब 50 करोड़ का नुकसान हो रहा है। भारत के इस फैसले से व्यापारियों में हाहाकार मच गया है। बहुत ही सफल रणनीति। अगर सीमेंट और ताजा फलों (अनानास, अमरूद) के सैकडों ट्रकों के नुकसान को जोड़ लें, तो पाकिस्तान को रोजाना होने वाला यह नुकसान करीब 70 से 80 करोड़ का है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल में इस संबंध में खबरें चल रही हैं कि भारत के इस कदम से व्यापारियों और पाकिस्तान को कितना नुकसान हो रहा है। एक व्यापारी ने चैनल को बताया कि मान लीजिए कि एक ट्रक में 15 लाख रुपए का छुआरा है, तो अब उस पर 30 लाख रुपए टैक्स देना पड़ेगा।
व्यापारी इतना पैसा चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। लिहाजा सैंकड़ो ट्रक बॉर्डर पर खड़े हैं और कई ट्रकों को बीच रास्ते से वापस बुलाया जा रहा है। बता दें कि तीन रास्तों के जरिये भारत में प्रतिदिन लगभग 400- 450 ट्रक माल पाकिस्तान से भारत में आता है, जो 200 फीसद टैक्स बढोतरी की वजह से वापस लौट रहे हैं। बताया जा रहा है कि भारत के इस कदम से 15 दिन में पहले से टूट चुके पाकिस्तान में त्राहि-त्राहि मच सकती है। लगभग 8000 व्यापारी बर्बाद हो सकते हैं। व्यापार विनिमय नीति के तहत, कुछ खान पान की आवश्यक वस्तुएं भारत भी पाकिस्तान को भेजता है, जो अब पूरी तरह से बन्द हैं। इनमें नमक, पानी, आटा, टमाटर और रिफाइंड मुख्य रूप से शामिल हैं। भारत को इस व्यापार को लेकर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। मगर, पाकिस्तान के व्यापारी बबार्दी की कगार पर पहुंच जाएंगे।