पीएम किसान सम्मान निधि में 2 करोड़ किसानों के रजिस्ट्रेशन, कांग्रेस शासित राज्य और बंगाल ने नहीं दिए आंकड़े

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नई दिल्ली। पीएम किसान सम्मान निधि के लिए 20 फरवरी तक 2 करोड़ से ज्यादा किसानों के रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर किसान भाजपा शासित राज्यों के हैं। योजना के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों को सालना 6 हजार रुपये मिलने हैं। हालांकि, उन राज्यों के किसानों के पौ बारह होने वाले हैं जिनकी सरकारों ने पहले से ही इस तरह की योजना चला रखी है। इनमें आंध्र प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य शामिल हैं।
The registration of 20 million farmers in the PM Kisan Award Fund, the Congress-ruled state and Bengal did not give the figures
दूसरी तरफ स्थिति यह है कि ज्यादातर कांग्रेस शासित राज्यों एवं पश्चिम बंगाल ने या तो बहुत कम संख्या में किसानों के नाम इस योजना के लिए भेजे हैं या फिर उन्होंने पीएम किसान वेब पोर्टल पर किसानों के डेटा अपलोड किए ही नहीं हैं। ऐसे में इन राज्यों के किसानों को मायूसी हाथ लग सकती है। यानी, देश में कुछ किसान दोहरे फायदे में रहने वाले हैं तो कुछ राज्यों के ज्यादातर किसान केंद्र की इस योजना से महरूम रह सकते हैं।

इन राज्यों के किसानों को विशेष लाभ
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को योजना का उद्घाटन करेंगे। उस दिन करीब 55 लाख किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये की पहली किस्त चली जाएगी। योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि वाले करीब 12 करोड़ किसानों को हर साल तीन किस्तों में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों के किसानों को पीए किसान योजना से दोहरा फायदा होने वाला है क्योंकि वहां की सरकारें पहले से ही इसी तरह की योजनाएं चला रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से मिलने जा रही सालाना 6 हजार रु. की रकम उनके लिए बोनस के समान हो जाएगी। मसलन, आंध्र प्रदेश अपनी अन्नदाता सुखी भव स्कीम को केंद्र की पीएम किसान योजना के साथ जोड़ने जा रही जिससे वहां के हर किसान को सालाना 10 हजार रुपये मिलेंगे। खास बात यह है कि योजना के लिए 2 हेक्टेयर कृषि भूमि की शर्त भी नहीं है। यानी आंध्र प्रदेश के बड़े किसान भी हर साल 10 हजार रुपये पा सकेंगे।

पंजीकरण में यूपी टॉप
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कृषि ऋण माफ किया था, इसलिए उसके पास लाभार्थियों के आंकड़े पहले से ही मौजूद थे। इसी वजह से पीएम किसान योजना के लिए किसानों के आंकड़े देने में यह राज्य 71 लाख पंजीकरण के साथ लिस्ट में टॉप पर है। 20 फरवरी तक जुटाए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात से 30 लाख किसान पंजीकरण के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है। इसी तरह, महाराष्ट्र से 29 लाख किसानों का पंजीकरण हो चुका है।

झारखंड, हिमाचल प्रदेश और असम से भी अच्छी-खासी तादाद में किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं। वहीं, कांग्रेस शासित राज्यों में छत्तीसगढ़ से महज 83 किसानों के नाम केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। इनमें भी सिर्फ एक किसान का रजिस्ट्रेशन ही वैलिडेट किया गया है जबकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में एक भी किसान का वेरिफाइड डेटा अपलोड नहीं किया गया है। यही हाल तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य पश्चिम बंगाल का भी है। राज्य ने अब तक अपने किसानों की लिस्ट पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं की है।