साल 2013 में भाजपा सरकार ने 1,94,119 पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति दी और 2017 में यह सीमा 7.14 फीसदी की दर से बढ़कर 2,07,974 पहुंच गई। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने साल 2013 और 2017 के बीच राज्य भर में 9.74 लाख से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति दी। विधानसभा में पेश किए आंकड़ों से इस बात की जानकारी सामने आई है।
इस दौरान राज्य में 6.51 लाख पेड़ गिराए गए। पेड़ गिराने के अधिकतर मामले दक्षिणी गुजरात में सामने आए। बता दें कि पेड़ों की कटाई को लेकर सरकार ने सख्ती भी कम कर दी और साल 2013 में भाजपा सरकार ने 1,94,119 पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति दी और 2017 में यह सीमा 7.14 फीसदी की दर से बढ़कर 2,07,974 पहुंच गई।
सितंबर 2018 में गरबाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक चंद्रिकाबेन बारिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में राज्य के वन मंत्री गणपत वसावा द्वारा लिखित में इस बात की जानकारी दी गई। पेड़ काटने की सबसे ज्यादा अनुमति वलसाड, नवसारी, सूरत और डांग जिले में दी गई। पूरे राज्य में पेड़ों की कटाई के लिए दी गई अनुमति में इन जिलों का अकेले 46 फीसदी है। जानना चाहिए कि कई बार कोशिश किए जाने के बाद भी वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
सामने आए आकड़ों के मुताबिक गुजराज के वलसाड जिले में सबसे ज्यादा पेड़ काटने की अनुमति दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में रिकॉर्ड 1,41,145 पेड़ काटे गए। दक्षिणी गुजरात के अन्य जिलों जैसे नवसारी में 1,16,559 पेड़ काटे गए। सूरत में 1,03,896 और डांग में 84,963 पेड़ काटे गए। आने वाले दिनों में, विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिक पेड़ों को काटने की उम्मीद है।
एसजी-राजमार्ग पर पहले से ही पेड़ की कटाई चल रही है, जहां सरखेज और चिलोदा के बीच चार लेन के ट्रैक को छह लेन तक किया जा रहा है, इस परियोजना के लिए कम से कम 5,000 से अधिक पेड़ों को काटने की आवश्यकता होगी। खासकर गांधीनगर में अधिक पेड़ काटने की जरुरत होगी। इसके अलावा बुलेट ट्रेन परियोजना के चलते 51,000 से ज्यादा पेड़ों के गिराए जाने की उम्मीद है।