करतारपुर कॉरिडोर: पाकिस्तान का दोहरा रवैया, भारत की मांगों पर आपत्ति जताई

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करतारपुर कॉरिडर पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया सामने आया है. गुरुवार को कॉरिडोर को लेकर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान ने भारत की बातों को मानने से इनकार कर दिया है. कॉरिडोर को लेकर आजतक को गृह मंत्रालय के सूत्रों से अहम जानकारी मिली है, जिसके मुताबिक जो भारतीय डेलीगेशन मीटिंग में शामिल हुआ था, उसने अपने श्रद्धालुओं को लेकर कई अहम मांगें पाकिस्तान के सामने रखीं, जिन्हें पाकिस्तान ने मानने से इनकार कर दिया.

भारत की इन मांगों पर पाकिस्तान को ऐतराज

1. भारत ने कहा था कि 5000 यात्री हर दिन करतारपुर साहिब के दर्शन करें और किसी खास दिन जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा के समय 15000 यात्री प्रतिदिन दर्शन करें. लेकिन मीटिंग में पाकिस्तान ने इस पर नकार कर दिया. उसने कहा है कि रोजाना सिर्फ 500 श्रद्धलु दर्शन करेंगे. लेकिन संख्या भारत के हिसाब से बहुत कम है.

2. भारत ने मांग की था कि सभी भारतीय नागरिक और OCI कार्ड धारक करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल सिख ही वहां पर दर्शन करने जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान यहां पर धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश में जुटा हुआ है.

3. भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने के लिए पाकिस्तान इजाजत दे. पर पाकिस्तान ने यहां भी भारत की बात नहीं मानी और उसने कहा कि केवल और केवल 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप ही एक बार मे भारत से दर्शन करने जा सकता है. भारत ने इसको लेकर ऐतराज जताया.

4. भारत ने कहा कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर वो दर्शन करने पैदल जाना चाहता है वो जा सकता है, ये उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए. पर पाकिस्तान ने यहां भी अपनी मनमानी चलाते हुए कहा कि बॉर्डर के पार कोई पैदल दर्शन करने नहीं जा सकता है. दर्शन करने वाला श्रद्धालु सिर्फ और सिर्फ गाड़ी से ही जा सकता है.

5. करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह ने और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान में दी थी. पाकिस्तान इस भूमि का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है. भारत ने कहा की 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखा जाए. पाकिस्तान ने इस बात को भी अपनी मीटिंग के दौरान अस्वीकार कर दिया.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि पाकिस्तान के साथ 1974 में एक एमओयू भारत और पाकिस्तान में स्थित दोनों देशों से जुड़े धार्मिक स्थानों को लेकर हुआ था, जिसमें 15 धार्मिक स्थान पाकिस्तान में थे, जिनको भारत के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं और 7 धार्मिक स्थान भारत में हैं जिनको पाकिस्तान के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं. 1974 के दौरान हुए एमओयू में पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब को शामिल नहीं किया था.

भारत अब चाहता है कि दोनों देशों के बीच में एक करतारपुर साहिब को लेकर एमओयू हो जिससे भारत के श्रद्धालु अच्छे तरीके से दर्शन कर सकें पर पाकिस्तान यहां भी अपना अड़ियल रवैया अपनाते हुए भारत के डेलिगेशन को यह कहा कि वह सिर्फ और सिर्फ 2 साल के लिए ही एमओयू पर साइन करना चाहता है. हालांकि, भारत ने इसका भी कड़ा ऐतराज जताया, पर पाकिस्तान है कि मानता नहीं वह यहां भी अपनी चाल बाजियों को पूरी तरीके से दिखाने में जुटा हुआ है.