पणजी। गोवा में मनोहर परिकर के निधन के बाद राजनीतिक संकट शुरू हो गया है। अभी नई सरकार बनने में समय है। वहीं भाजपा जहां अपनी सरकार बचाने में जुटी हुई है वहीं कांग्रेस ने 48 घंटों के अंदर दूसरी बार राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। देर रात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राज्य पहुंचे और विधायकों के साथ बैठक की।
Political crisis in Goa, BJP in trouble after Parrikar's demise
इस बैठक में गोवा के नए मुख्यमंत्री पर बात होनी थी। माना जा रहा था कि सहयोगियों और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा होगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कांग्रेस के विधायक दल ने नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के आवास पर बैठक की ताकि सत्ता में आने के लिए अगले कदम को लेकर रणनीति बनाई जा सके।
कांग्रेस में इस बात को लेकर आशंका है कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करवा सकती है। वहीं भाजपा खेमे में यह चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को अतंरिम मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जिससे कि पार्टी को आगे की रणनीति बनाने का मौका मिल जाए। दोनों पार्टियों के सूत्रों का कहना है कि यदि राज्यपाल मृदुला सिन्हा संख्या से संतुष्ट नहीं होती हैं तो वह लोकसभा चुनाव तक विधानसभा को निलंबित करने की सिफारिश कर सकती हैं।
किसी के पास नहीं है बहुमत
राज्य में मौजूद विधायकों की वर्तमान संख्या फिलहाल किसी पार्टी के पक्ष में नहीं है। वहीं इस समय किसी भी पार्टी ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चुनाव नहीं किया है जो सदन में बहुमत साबित कर सके। राज्य में विधानसभा की 36 सीटे हैं। परिकर और फ्रांसिस डिसूजा के निधन से भाजपा की दो सीटें कम हो गई हैं। वहीं कांग्रेस के दो विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस समय 14 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है।
महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के पास तीन-तीन विधायक हैं। एनसीपी के पास एक और निर्दलीय विधायकों के पास तीन सीटें हैं। भाजपा के पास राज्य की 12 सीटे हैं। जिसमें से एक पांडुरंग मडकईकर अस्पताल में हैं और इस बात की बहुत कम आशंका है कि वह विधानसभा में वोट करने के लिए आएंगे। यही कारण है कि कांग्रेस बोल रही है कि उसके पास 14 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 11 हैं। इसलिए उसे सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
भाजपा से नहीं मिला मुख्यमंत्री का आॅफर
रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा था कि भाजपा गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दिगंबर कामत को मुख्यमंत्री पद की पेशकश कर रही है। इसपर कामत का बयान आया है। उन्होंने रविवार को कहा कि उन्हें भाजपा से गोवा का मुख्यमंत्री बनने का कोई आॅफर नहीं मिला है।
कामत ने कहा, “दिल्ली का मेरा कार्यक्रम 2-3 दिन पहले बन गया था। किसी से मिलने का सवाल ही नहीं उठता। मैं दिल्ली अपने निजी काम के लिए गया था। इस तरह की खबरों को अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए बनाया गया है। मुझे भाजपा से कोई पेशकश नहीं मिली है। यदि मेरी किस्मत में गोवा का मुख्यमंत्री बनना लिखा होगा तो कोई मुझे उससे रोक नहीं सकता है।”
मुख्यमंत्री पर नहीं बनी सहमति
कांग्रेस और भाजपा ने देर रात अपने विधायक दल की बैठक बुलाई ताकि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चयन हो सके, लेकिन दोनों ही पार्टियों में आम सहमति नहीं बन पाई है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई के आवास पर विधायकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद सरदेसाई ने कहा कि उन्होंने परिकर को अपना समर्थन दिया था न कि भाजपा को। अब जब परिकर नहीं हैं तो उनके पास विकल्प खुले हुए हैं। उनका कहना है कि वह राज्य में स्थिरता चाहते हैं। वह नहीं चाहते कि राज्यपाल सदन को भंग कर दें।