एफडी पर बढ़ने वाली हैं ब्याज दरें, इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने दिया आंकड़ा

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नई दिल्ली। बैंकों ने अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही में 2017 की इसी तिमाही के मुकाबले 12.9 प्रतिशत ज्यादा कर्ज बांटे जबकि इस दौरान उनके पास जमा होने वाली रकम में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह आंकड़ा इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने दिया है। इसे देसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का मानना है कि अगर जआगे भी कर्ज की वृद्धि दर बढ़ती रही तो बैंक लोगों से पैसे जमा करना के लिए लुभावने उपाय जरूर करेंगे। अपने यहां मोटी रकम जमा करवाने के लिए ऊंची ब्याज दरें देने के सिवा बैंकों के पास कोई चारा नहीं बच जाएगा।

Interest rates on FD, rising by the India Ratings and Research

ब्याज दरें बढ़ें तो क्या करें?
अगर आपके बैंक अभी थोड़ी ऊंची ब्याज दर आॅफर कर रहे हैं तो इसके लालच में नहीं आएं क्योंकि आने वाले महीनों में ब्याज दरें और बढ़ने के आसार हैं। वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में वित्त वर्ष 207018 की इसी तिमाही के मुकाबले प्राइवेट बैंकों ने 22 प्रतिशत ज्यादा लोन बांटे। ऐसे में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी कल्ल-िफं का कहना है कि बैंकों में डिपॉजिट्स पाने की होड़ मचेगी और ब्याज दरें बढ़ेंगी।

ऊंची ब्याज दरों का लालच
हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट करते वक्त सिर्फ ऊंची ब्याज दरों पर ही लट्टू नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि बैंक ऊंची ज्यादा ब्याज ज्यादा अवधि के जमा पर ही आॅफर करते हैं। साथ ही, ऊंची ब्याज दरों वाले डिपॉजिट्स के लिए कई दबी-छिपी शर्तें भी होती हैं। मसलन, जन स्मॉल फाइनैंस बैंक तीन वर्ष के एफडी पर 9.25 प्रतिशत ब्याज आॅफर कर रहा है, लेकिन उसका शर्त है कि अगर 15 लाख रुपये से कम एफडी किए तो 3 वर्ष की मियाद पूरी होने से पहले आप पैसे नहीं निकाल पाएंगे। यहां तक कि आपतकालीन परिस्थिति में भी आप अपने ही पैसे नहीं निकाल सकते। दूसरी बात यह भी है कि नए संस्थान में मोटी रकम लगाने से पहले सतर्कता बरतनी चाहिए।