प्रियंका गांधी का पलटवार, हमें जितना प्रताड़ित करेंगे हम उतनी जोर से लड़ेंगे

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में कहा कि “वंशवाद की राजनीति से सबसे अधिक नुकसान संस्थाओं को हुआ है। प्रेस से पार्लियामेंट तक, सोल्जर्स से लेकर फ्री स्पीच तक, कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर कोर्ट तक, कुछ भी नहीं छोड़ा। भारत ने देखा है कि जब भी वंशवादी राजनीति हावी हुई तो उसने देश की संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया।”
Priyanka Gandhi’s revenge, we will fight so much harder than we would

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्लॉग पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा पिछले पांच सालों से संस्थाओं को अपने तरीके से चला रही है। हमें जितना प्रताड़ित करेंगे हम उतनी जोर से लड़ेंगे। हम डरने वाले नहीं हैं ।
प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के नेता तारिक अनवर ने भी पीएम मोदी पर पलटवार किया है। तरिक ने कहा कि वो शायद इसलिए एसा बोल रहे हैं क्योंकि उनका कोई वंश ही नहीं है। पूरी दुनिया में अपने वंश को आगे बढ़ाया जाता है। राजनीति हो या कोई और पेशा सब में वंश को आगे बढ़ाया जाता है। पीएम मोदी को अपना वंश ही नहीं बढ़ाना इसीलिए वो एसा बोल रहे हैं।

पीएम ने कहा कि “वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियां कभी भी स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के साथ सहज नहीं रही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया सबसे पहला संवैधानिक संशोधन फ्री स्पीच पर रोक लगाने के लिए ही था। फ्री प्रेस की पहचान यही है कि वो सत्ता को सच का आईना दिखाए, लेकिन उसे अश्लील और असभ्य की पहचान देने की कोशिश की गई। ”

पीएम ने आगे कहा “अदालतों की अवमानना करने में तो कांग्रेस ने महारत हासिल कर ली है। श्रीमती इंदिरा गांधी ही थीं, जो ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ चाहती थीं। वो चाहती थीं कि अदालतें संविधान की जगह एक परिवार के प्रति वफादार रहें। ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ की इसी चाहत में कांग्रेस ने भारत के चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया की नियुक्ति करते समय कई सम्मानित जजों की अनदेखी की। कांग्रेस के काम करने का तरीका एकदम साफ है – पहले नकारो, फिर अपमानित करो और इसके बाद धमकाओ। यदि कोई न्यायिक फैसला उनके खिलाफ जाता है, तो वे इसे पहले नकारते हैं, फिर जज को बदनाम करते हैं और उसके बाद जज के खिलाफ महाभियोग लाने में जुट जाते हैं।”

“कांग्रेस हमेशा से रक्षा क्षेत्र को कमाई के एक स्रोत के रूप में देखती आई है। यही कारण है कि हमारे सशस्त्र बलों को कभी भी कांग्रेस से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे। 1947 के बाद से ही, कांग्रेस की हर सरकार में तरह-तरह के रक्षा घोटाले होते रहे। घोटालों की इनकी शुरूआत जीप से हुई थी, जो तोप, पनडुब्बी और हेलिकॉप्टर तक पहुंच गई। इनमें हर बिचौलिया एक खास परिवार से जुड़ा रहा है। याद कीजिए, कांग्रेस के एक बड़े नेता ने जब सेना प्रमुख को गुंडा कहा तो उसके बाद पार्टी में उसका कद बढ़ा दिया गया। इससे पता चलता है कि अपनी सेना के प्रति भी वे कैसा तिरस्कार का भाव रखते हैं।”

“एक सामान्य कानूनी प्रक्रिया में भी उनके व्यवहार में घमंड और अधिकार का भाव दिखाई देता है। वर्तमान में उनका शीर्ष नेतृत्व बड़े-बड़े घोटालों में जमानत पर है। जब कभी कोई अथॉरिटी घोटाले से जुड़े सवाल पूछती है, तो वे लोग जवाब देना तक उचित नहीं समझते। क्या वे लोग अपनी जवाबदेही से डरे हुए हैं? जरा सोचिए: प्रेस से पार्लियामेंट तक। सोल्जर्स से लेकर फ्री स्पीच तक। कॉन्स्टिट्यूशन से लेकर कोर्ट तक। संस्थाओं को अपमानित करना कांग्रेस का तरीका रहा है। उनकी सोच यही है कि सब गलत हैं, और सिर्फ कांग्रेस सही है। यानि ह्यखाता न बही, जो कांग्रेस कहे, वही सही।”